इसके बाद आंदोलनकारियों ने धरना-प्रदर्शन स्थगित कर दिया। डीवाईएफआई के प्रदेशाध्यक्ष जग्गी के अनुसार अगर श्रमिकों की मांगें नहीं मानी गई तो एक सप्ताह बाद मसीतांवाली हैड पर चक्का जाम कर धरना देंगे। इस दौरान मोहनलाल लोहरा, विनोद कुमार, जिलाध्यक्ष बग्गा सिंह, बंशीलाल, कुलदीप, बुधराम, गोविंदराम, पतराम, संतोष कुमारी, ग्यारसी, गुरतेज सिंह, विक्रम जीत राव, रोहिताश, शिशपाल आदि मौजूद थे।
यह थी प्रमुख मांगें अनुभव प्रमाण पत्र वाले श्रमिकों को अकुशल से उच्च कुशल की श्रेणी मानने तथा साइटों पर सुरक्षा कर्मी एवं चौकीदार रखते हुए वेतनभोगी का दर्जा देने, वन कर्मियों का वेतन मनरेगा श्रमिकों की भांति करने, वन कर्मियों को समायोजित करने, अनुभव प्राप्त श्रमिकों को विभागीय भर्तियों में प्राथमिकता देने तथा बोनस अंक देने, वन श्रमिकों को पुन: कार्य पर लगाते हुए रोजगार देने आदि मांगें शामिल है।