अब दिल्ली में बैठे अधिवक्ताओं से भी जरुरतमंद ले सकेंगे कानूनी मदद, इस जिले में शुरू हुई खास पहल
यह रहेगी बच्चो की डाइट
आंगनवाडिय़ों के माध्यम से बटने वाले पोषण आहार के अलावा बच्चों को विशेष आहार दिया जाएगा। उतनी ही राशि में अच्छा नाश्ता मुहैया कराने प्लान तैयार किया गया है। जिला अधिकारी के अनुसार कुपोषित बच्चों के लिए भुना हुआ चना, गुड़, मुरमुरा आदि दिया जाएगा। 3-6 वर्ष तक के बच्चों को चना गुड़ा, छोटे बच्चों को मुरमुरा और मूंगफली का टुकड़ा देने का प्रावधान तय किया गया है। 2 माह का प्लान रखा है। जो भी योजना है उनका क्रियान्वयन करना है। थर्ड मील भी दिया जा रहा है।
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यह है कुपोषण की स्थिति
मई 2019 के अनुसार जिले में कुपोषण की स्थिति चिंताजनक है। आंगनवाडिय़ों में 0 से 5 वर्ष तक के एक लाख 15 हजार 267 बच्चे दर्ज हैं। इसमें से एक लाख 14 हजार 765 बच्चों का वजन कराया गया है। जिसमें 21 हजार 642 बच्चे कम वजन के यानि की कुपोषित और 2976 बच्चे अति कम वजन याने की गंभीर कुपोषण से ग्रसित मिले हैं। वहीं जिले में दस्तक अभियान चल रहा है, जिसमें बच्चों को सुपोषित किया जा रहा है। एनआरसी केंद्रों में बच्चे भर्ती कराए जा रहे हैं।
इनका कहना है
जिले में जो भी बच्चे कुपोषित हैं उन बच्चों की माताओं को साझा चूल्हा में काम देकर रोजगार से जोडऩे योजना बनाई है। साथ ही अब विशेष पोषण आहार बच्चों के लिए दिया जाएगा और अभिभावकों को जागरुक किया जाएगा।
नयन सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग।