scriptmp election मंत्री के विधानसभा मुख्यालय के बाजार में सार्वजनिक शौचालय तक नहीं | mp election Not to the public toilets in the market of the minister's | Patrika News
कटनी

mp election मंत्री के विधानसभा मुख्यालय के बाजार में सार्वजनिक शौचालय तक नहीं

30 रूपये की भाजी बेचने वाले किसान दस रुपये दे देते हैं किराया, साप्ताहिक बाजार में व्यापारियों के लिए शेड नहीं

कटनीNov 07, 2018 / 09:35 am

raghavendra chaturvedi

mp election Not to the public toilets in the market of the minister's

mp election 2018 mpkamahamukabla madhyapradesh election

कटनी (राघवेंद्र चतुर्वेदी). विजयराघवगढ़ में प्रवेश के साथ ही मुख्य मार्ग के किनारे पडऩे वाला सिविल अस्पताल के मुख्य द्वार के किनारे टूटकर लटकती खिड़की…, अस्पताल के बाहर बैठे मरीज व परिजन और अंदर डॉक्टरों व नर्सिंग स्टॉफ से सूना पड़ा अस्पताल…। यह नजारा एक तरह से इस पूरे विधानसभा की तस्वीर बताने के लिए काफी है। जब अस्पताल में चिकित्सक ही नहीं तो फिर इलाज की क्या उम्मींद। यहां से कुछ दूर आगे बढऩे पर आजाद चौक से पहले नाली नहीं होने के कारण मुख्य मार्ग पर सड़ांध मारता नाली का बहता पानी, और समीप ही एक्सचेंज भवन के किनारे मैदान में लकड़ी के खूंटे। बड़ी संख्या में खूटों को लेकर स्थानीय नागरिक पवन बताते हैं कि यहां प्रत्येक सोमवार लगने वाले बाजार के लिए दस साल में शेड नहीं बना। जिस व्यक्ति ने लकड़ी के खूंटे लगाएं हैं, वह प्रति दुकानदार दस रुपये लेता है। बाजार में आसपास गांव से सब्जी व दूसरी वस्तु लेकर छोटे किसान भी पहुंचते हैं। अब किसी ने तीस रुपये की भाजी बेची और दस रुपये खूंटा का किराया दे दिया तो उसको होने वाले आर्थिक नुकसान को समझा जा सकता है।
2008 से लगातार विधायक और 2014 में प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री बने संजय पाठक के विधानसभा का मुख्यालय विजयराघवगढ़ है। नगर परिषद के इस क्षेत्र में बसस्टैंड हो या बाजार क्षेत्र। स्थानीय व्यापारी दस साल से शौचालय बनवाने की मांग कर रहे हैं। अब तक निर्माण नहीं होने से बस का इंतजार कर रहे महिला यात्रियों से लेकर बाजार में खरीददारी करने वाले ग्रामीणों की परेशानी ऐसी है कि कई बार तो खरीददारी छोड़कर ही मर्यादा के लिए वापस घर चले जाते हैं।
यहां मंत्री बनने के बाद भी संजय पाठक का क्षेत्र में लोगों से संपर्क बना रहा। 2013 चुनाव में कांग्रेस से संजय पाठक तो भाजपा से पद्मा शुक्ला चुनाव मैदान में रहीं। चुनाव के कुछ माह बाद ही संजय पाठक भाजपा में आ गए। उपचुनाव में जीते और मंत्री बने। पद्मा और संजय भाजपा में ही रहे। 25 सितंबर को पद्मा ने कांग्रेस ज्वाइन की अब प्रत्याशी हैं। दोनों ही क्षेत्र में सक्रिय रहे। स्थानीय मुद्दे उठाते रहे।
बात स्थानीय मुद्दों की करें तो विजयराघवगढ़, बरही नगरपरिषद और ज्यादा आबादी वाली गांव खितौली में बाइपास न होने से भारी वाहन नगर के अंदर की से गुजरने वाली सड़क से ही निकलते हैं। इससे कई बार बाजार क्षेत्र में होने वाले हादसे में लोगों की जान तक जा चुकी है। हर बार चुनाव में बाइपास निर्माण का वादा किया जाता है। 15 से चली आ रही यह इस मांग का अब तक पूरा नहीं होना इस बार बड़ा चुनावी मुद्दा है।
युवाओं को लेकर स्थिति यह है कि कैमोर में एसीसी सीमेंट फैक्ट्री सहित एवरेस्ट व दूसरी इकाइयां है। 2010 से वेलस्पन बिजली सयंत्र और सांघी सीमेंट फैक्ट्री के अलावा एसीसी की अतिरिक्त इकाई के लिए जमीन अधिग्रहित हो गई। आठ साल में एक भी इकाई चालू नहीं हुई। इस बीच युवा बेरोजगारों की संख्या दोगुनी से भी ज्यादा बढ़ गई। इस विधानसभा का प्रत्येक युवा रोजगार मांग रहा है। बेरोजगारी यहां की बड़ी समस्या है।
किसान खेतों में सिंचाई के लिए पानी मांग रहे हैं। नर्मदा नदी पर बने बरगी डेम के पानी को विंध्य के सतना-रीवा तक ले जाने के लिए बनाई जा रही दांयी तट नहर से विजयराघवगढ़ विधानसभा के खेतों को पानी देने 2001 में प्रोजेक्ट बना। 17 साल से किसान इस प्रोजेक्ट को अमल में लाने के इंतजार में हैं। परियोजना फाइलों से बाहर नहीं निकली।
विजयराघवगढ़ विधानसभा में प्रमुख समस्याओं में पेयजल के मामले में नाली के बीच पानी सप्लाई पाइप में लीकेज से पानी में कीड़े कई बार आ जाते हैं। बारातघर की मांग कई सालों से की जा रही है। वार्ड एक से 12 के बीच एक भी बारात घर नहीं है। नदीपार एक ही बना। सफाई के मामले में कचरा संग्रहण घर नहीं मुख्यमार्ग तक सीमित, सफाई न होने से नाली जाम। सड़क को लेकर स्थिति यह है कि विजयराघवगढ़-कांटी सड़क 2016 में बना, दो साल में सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हो गए। बरही-चाका सड़क में नगर के अंदर चौड़ीकरण का काम पांच साल में अधूरा है। विजयराघवगढ़ में बसस्टैंड निर्माण की मांग 30 साल में पूरा नहीं हो सका।
विजयराघवगढ़ में 2014 में हुए उपचुनाव में 90084 मत प्राप्त कर संजय पाठक 53397 वोट से विजयी रहे। यहां कांग्रेस प्रत्याशी विजय प्रकाश मिश्र को 36687 मत मिले। 2013 में हुए चुनाव में कांग्रेस से संजय पाठक को 41.47 प्रतिशत, भाजपा के पद्मा शुक्ला को 40.84, बसपा के हाजी गुलाम भाई को 10.63 और निर्दलीय गजेंद्र सिंह को 1.64 मत मिला था।
विधायक निधी में खर्च को लेकर स्थिती यह है कि 2018-19 में विधायक निधी एक करोड़ 85 लाख रुपये में एक हजार रुपये की स्वीकृति नहीं हो सकी। इसमें एजेंसी को काम के लिए 1 करोड़ 45 लाख रुपये ही जारी हुआ है। दो वित्तीय वर्ष 14-15 और 15-16 में 67 कार्यों के 1 करोड़ 34 लाख रुपये स्वीकृत हुआ इसमें 1 करोड़ 15 लाख रुपये की राशि ही एजेंसी ने व्यय किया। तीन वित्तीय वर्ष 16-17, 17-18 व 18-19 में 241 कार्यों के लिए 5 करोड़ 54 लाख 99 हजार रुपये की स्वीकृति में एजेंसी द्वारा 3 करोड़ 35 लाख रुपये की खर्च की किया जा सका।

Home / Katni / mp election मंत्री के विधानसभा मुख्यालय के बाजार में सार्वजनिक शौचालय तक नहीं

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो