बहोरीबंद जनपद के ग्राम निमास में सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक की तिकड़ी ने वो कर दिखाया जिस काम को करने के लिए आम इंसान सौ बार सोच विचार करे। मनरेगा योजना में आम इंसान और प्रवासी मजदूरों से काम लेना तो आपने सुना होगा, लेकिन जब बात मुर्दे से काम लिए जाने की हो तो…। वह भी एक व दो दिन नहीं बल्कि पूरे 6 दिन। इतना ही नहीं काम के एवज में 1140 रूपये का भुगतान भी।
दरअसल ग्राम पंचायत निमास में बरघाई पहाड़ी भाग तीन में निर्माण कार्य के दौरान रामजी नाम के युवक से पूरे 6 दिन तक काम करवाने के बाद 4 जुलाई को 1140 रूपये की भुगतान राशि खाते में ट्रांसफर किया गया। खाते में राशि ट्रांसफर होने के बाद पता चला कि पंचायत में सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक जिस तिकड़ी ने रामजी से काम करवाया गया है उनकी दो साल पहले ही 2017 में मौत हो चुकी है।
मनरेगा योजना में निर्माण कार्य के नाम पर चल रही भर्रेशाही की शिकायत 8 जुलाई को कलेक्टर से की गई है। हालांकि कलेक्टर तक शिकायत पहुंचने के बाद भी इस पर ध्यान नहीं दिया गया, और जब पत्रिका ने 14 जुलाई को जिला पंचायत सीइओ जगदीश चंद्र गोमे से जानकारी ली तो उन्होंने फौरन कार्रवाई की बात कही। एक घंटे बाद एक पत्र भी पत्रिका का उपलब्ध करवाया जिसमें निमास ग्राम पंचायत के सरपंच-सचिव को नोटिस जारी कर समक्ष में प्रस्तुत होकर जवाब देने कहा गया है।
कटनी में मनरेगा योजना में मनमानी की और भी शिकायतें आती रही है। इसमें मई माह में काम प्रारंभ होने के 15 दिन बाद भी मस्टर नहीं भरे जाने का मामला सामने आया। ढीमरखेड़ा के वार्ड क्रमांक 12 में काम मांगने पर रोजगार सहायक ने जॉबकार्ड अपडेट नहीं होना बताकर लौटाया तो मजदूर जनपद कार्यालय पहुंचे परेशानी बताने, देवराखुर्द में मेढ़बंधान का काम जिन किसानों के खेत में होना था उनकी दस्तावेजी प्रक्रिया में विलंब हुआ, ग्राम पंचायत पहाड़ी में मौके पर 62 लोग काम कर रहे थे, लेकिन मस्टर में नाम थे 84, बंडा पंचायत में मजदूर काम के दोपहर तक रोजगार सहायक का इंतजार करते रहे तो बरेहटा में मनमानी से परेशान महिलाओं ने रीठी जनपद का घेराव किया जाना भी शामिल है।