पत्रिका ने इसके खिलाफ अभियान चला रखा है। इसी कड़ी में पड़ताल के दौरान पता चला कि रीठी के इमराज गांव में रोजगार सहायक ने न सिर्फ अपने घर वालों की फर्जी हाजिरी लगा कर मजदूरी देता रहा बल्कि मृतकों के नाम भी मस्टर में चढा दिया। यहां तक कि पेंशनधारियों के नाम भी मस्टर में चढा कर मजदूरी जारी कर दी।
इमलाज के सरपंच हरी प्रसाद सोनी ने पत्रिका को बताया कि तालाब विस्तारीकरण मस्टर क्रमांक 446 में 7 मई से 13 मई व मस्टर क्रमांक 901 में 14 मई से 20 मई तक चले काम में रोजगार सहायक सुनील चौधरी ने पत्नी मीरा बाई, पिता सुरेश व भाई अशोक सहित अन्य की हाजिरी बिना मजदूरी किए ही लगा दी। इसके अलावा चमेली बाई, मैकू, हीरालाल के नाम भी मस्टर में चढा दिया जबकि इनकी मृत्यु हो चुकी है। इसकी शिकायत होने पर गैरहाजिर किया गया।
बताया कि पेंशनधारी रज्जू, वैशाखू, सिया बाई, रामचरण और गोपाल के नाम भी मस्टर में चढ़ा कर मजदूरी जारी कर दी गई। सोहागा बाई नाबालिग तक के नाम पर मस्टर जारी कर मजदूरी जारी की गई। इसकी शिकायत जिला सीईओ से की गई। जांच में पाया गया कि मनरेगा में 153 की डिमांड लगी है मौके पर सिर्फ 53 ही काम करते पाए गए। लेकिन जो लोग काम कर रहे थे उनके नाम मस्टर में नहीं लिखे गए थे। सिर्फ 27 के ही नाम मस्टर में चढ़े थे। काम करने वालों की डिमांड तक नहीं लगाई गई।
“मलाज रोजगार सहायक की गंभीर लापरवाही सामने आई है। इस मामले में सचिव की भी संलिप्तता है। फर्जी एई और पीईओ से जांच कराई जा रही है। अभी जीआरएस को अलग कर दिया गया है। शीघ्र ही बर्खास्त करने व आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी।”- प्रदीप सिंह, जिला सीईओ रीठी
“सचिव द्वारा फर्जी हाजिरी भरी गई है। बुजुर्गों को पालना है इसलिए उनका भी मस्टर जारी कर दिया गया है। मेरे घर के लोगों की हाजिरी लग रही है और बगैर काम के मजदूरी जारी हो रहीहै तो सचिव जानें। मेरा द्वारा तो गड़बड़ी नहीं की जा रही। मैं तो सिर्फ डिमांड लगा देता हूं।”-सुरेश चौधरी रोजगार सहायक