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कटनी

ऐसे बेपरवाही में कैसे सुधरें लॉकडाउन के हालात: 30 मई 2019 को बन जाने थे 1512 फ्लैट, दो साल में आधे भी नहीं बने, काम भी पड़ा बंद

30 मई 2019 को झिंझरी में फेज-1 के 1512 फ्लैट बनकर तैयार हो जाने थे। यहां पर इडब्ल्यूएस के 792 जिसमें जी/पी+3, एलआइजी के 384 पी+6 व एमआइजी के 336 पी+6 फ्लैट बनने हैं। 113.05 करोड़ की टेंडर लागत व एग्रीमेंट लागत 117.46 करोड़ रुपये तय की गई है। 30 नवंबर 2017 से 18 माह में काम तैयार करना था। 30 मई को मियाद पूरी हो गई है।

कटनीJun 13, 2020 / 11:12 am

balmeek pandey

Negligence in construction of pm awas in katni

Negligence in construction of pm awas in katni

कटनी. 30 मई 2019 को झिंझरी में फेज-1 के 1512 फ्लैट बनकर तैयार हो जाने थे। यहां पर इडब्ल्यूएस के 792 जिसमें जी/पी+3, एलआइजी के 384 पी+6 व एमआइजी के 336 पी+6 फ्लैट बनने हैं। 113.05 करोड़ की टेंडर लागत व एग्रीमेंट लागत 117.46 करोड़ रुपये तय की गई है। 30 नवंबर 2017 से 18 माह में काम तैयार करना था। 30 मई को मियाद पूरी हो गई है। ठेकेदार ने काम समय पर नहीं किया तो एमआइसी ने 29 मई 2020 तक के लिए वर्षाकाल छोड़कर 8 माह के लिए मियाद बढ़ा दी गई थी, इसके बाद भी ठेेंकेदार बीआरपी एसोसिएट द्वारा काम नहीं कराया गया। काम पूर्ण न होने की मुख्य वजह ठेकेदार को समय पर भुगतान न होना बताया जा रहा है। तीन करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान ठेकेदार को बकाया है। कंसलटेंट एजेंसी, ठेकेदार और नगर निगम के अफसरों के बीच तालमेल न बैठ पाने के कारण गरीबों व जरुरतमंदों की पक्की व स्वयं की छत होने का सपना अभी भी सपना बना हुआ है। इस गंभी समस्या पर जिम्मेदार अधिकारी ध्यान दे रहे न जनप्रतिनिधि। हैरानी की बात तो यह है कि 79 हितग्राही 20 हजार रुपये की पहली किश्त जमा कर चुके हैं, कई लोगों के बैंक से फाइनेंस प्रक्रिया भी हो गई है। बैंक की किश्त चालू हो जाएगी और हितग्राही को आवास नहीं मिल पाएगा। ऐसे में मॉनीटरिंग पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

काम शुरू हो तो मजदूरों को मिले काम
कोरोना वायरस कोविड-19 महामारी के चलते पूरे देश में ढाई माह तक लॉकडाउन चला। अनलॉकडाउन में भी स्थिति बिल्कुल भी सामान्य नहीं हैं। मजदूरों की हालत खस्ता है। ऐसे में यदि मल्टी निर्माण का काम शुरू होता है तो न सिर्फ लोगों को आशियाना मिलेगा बल्कि सैकड़ों मजदूरों को संकट की इस घड़ी में काम मिल जाएगा। ठेकेदार बलराम शुक्ला का कहना है कि काम चालू है। काम तेजी से शुरू हो तो शहर सहित आसपास के मजदूरों को काम मिलेगा, जिससे उनके भरण पोषण की समस्या दूर होगी। झिंझरी में 7900 वर्गमीटर जमीन बेचकर राशि जुटाना था वह प्रक्रिया भी ठंडे बस्ते में पड़ी है। कैश फ्लो पूरी तरी से गड़बड़ाया हुआ है। लगातार लेटलतीफी पर न तो ठेकेदार और ना ही नोडल अधिकारियों को कोई कार्रवाई हो रही।

इनका कहना है
फेज-1 में ठेकेदार ने अभी काम चालू नहीं किया है। कुछ तकनीकी समस्याएं हैं, जिसपर काम चल रहा है। मैं अभी मीटिंग में हूं, बाद में बात करता हूं।
पंकज गोयल, ननि कंसलटेंट एजेंसी इजिस प्रभारी।

भुगतान आदि की समस्या के चलते ठेकेदार ने काम शुरू नहीं किया है। लगातार काम में देरी हो रही है। हितग्राही भी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।
एचके त्रिपाठी, नोडल अधिकारी पीएम आवास।

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