यह कैसा दिखावा
कई बैंकों ने सुरक्षा के नाम पर दिखावा कर रखा है। बैंकों ने खानापूर्ति के तौर पर दिन मेंं तो गार्ड की तैनाती कर रखी है, लेकिन रात्रि को गार्ड की नियुक्ति नहीं होने से सुरक्षा के इंतजाम भगवान भरोसे ही रहते है। जिन इक्का-दुक्का बैंकों में दिन के दौरान गार्ड की तैनाती है, वहां भी गार्ड निर्धारित ड्रेस व हथियारों से लैस नहीं होते है। कई बैंकों में कार्यरत गार्ड तो कई बार सुरक्षा की चिंता छोड़कर बैंक के ही कार्य में व्यस्त रहते है। इन सबके बावजूद बैंक प्रबंधन बेपरवाह है। स्थिति यह है कि बैंकों में कोई भी संदिग्ध आए-जाए, जब गार्ड ही नहीं तो पूछताछ कौन करेगा। ऐसे में बदमाश आसानी से वारदात कर जाते हैं।
एटीएम की सुरक्षा भी भगवान भरोसे
शहर में संचालित अधिकांश बैंकों के एटीएम भी भगवान भरोसे ही संचालित है। अधिकांश बैंकों के एटीएम पर दिन व रात्रि को गार्ड की नियुक्ति नहीं होने से एटीएम के भीतर लोगों का जमावड़ा बना रहता है। इससे एटीएम कार्ड बदलने व पिन देखकर खातें से रकम निकालने की घटनाएं भी हो चुकी है। जानकार बताते हैं कि हर बैंक प्रबंधन बैंक संपत्ति और एटीएम का बीमा कराता है। सालभर में बीमा के प्रीमियम से कहीं ज्यादा गार्ड लगाने का खर्च आता है। इसलिए प्रबंधन प्रत्येक शाखा में सुरक्षाकर्मी रखने को तैयार नहीं रहता। मुख्य शाखाओं में सुरक्षाकर्मी लगा लेते हैं।
इनका कहना है
बैंक और एटीएम की सुरक्षा के लिए बैंक प्रबंधन को कई बार कहा गया। पुख्ता इंतजाम नहीं हो पाए। पुलिस अपनी ओर से सुरक्षा के प्रयास करती है पर बैंक को अपने संस्थान और एटीएम बूथ पर सुरक्षाकर्मी रखना चाहिए। इस दिशा में पहल की जाएगी।
संदीप मिश्रा, एएसपी।