पत्रिका स्वर्णिम भारत अभियान-छात्रों ने कहा परिसर को रखेंगे सुंदर दुर्घटनाओं की समीक्षा के बाद होंगे अलग
जिले में चिन्हित होने वाले ब्लैक स्पॉटों को सुरक्षित घोषित करने के लिए तीन साल तक निगरानी रखी जाती है। पूर्व के वर्षों में हुई दुर्घटनाओं व तीन साल की अवधि में हुई घटनाओं का आंकलन करने के बाद यदि दुर्घटनाएं कम होती हैं तो ही उनको सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाएगा। तीनों ही स्थानों पर पिछले दो साल से निगरानी की जा रही है और एक साल बाद उसकी समीक्षा की जाएगी।
इनका कहना है…
एनएच-7 पर छपरा से कटनी के बीच तीन स्थानों पर ब्लैक स्पॉट थे। जिनपर फोर लाइन निर्माण के दौरान ऐसे स्थानों पर अंडर पाथ, ओवर ब्रिज व बाइपास बनाए गए हैं। जिससे अब वे ब्लैक स्पॉट नहीं रह गए हैं।
सुमेश बाझल, प्रोजेक्ट मैनेजर एनएएचआइ
यदि विभाग ने दुर्घटना संभावित स्थानों को सुरक्षित कर दिया है तो उसकी सूचना हमारे कार्यालय को नहीं भेजी गई है। विभाग स्थानीय थाना क्षेत्र को जानकारी दे दे, जिसके बाद निगरानी का समय पूरा होने पर ऐसे स्थानों को ब्लैक स्पॉट की सूची से हटा दिया जाएगा।
राघवेन्द्र भार्गव, यातायात थाना प्रभारी