धान क्रय केंद्रों में कोराना से बचाव के निर्देशों का पालन वहां तैनात अधिकारी ही नहीं कर रहे। किसान तो मनमाने तरीके से आ-जा रहे ही हैं। इन केंद्रों पर कोरोना से बचाव के बैनर भर लगे हैं। उस पर लिखी बातों का पालन कराना वहां के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी नहीं समझते। कई खरीदी केंद्रों में न तो हाथ धोने के लिए पानी है, नहीं हाथों को विसंक्रमित करने के लिए सैनिटाइजर। मास्क का प्रयोग भी नगण्य ही दिख रहा।
विजयराघवगढ़ के सिनगौड़ी क्रय केंद्र में कोरोना से बचाव के नियमों का बड़ा बैनर लगा है लेकिन यहां हाथ धोने के लिए पानी तक नहीं है। यहां कोरोना से बचाव के अन्य मानकों का भी पालन नहीं हो रहा। अपने उत्पाद लेकर आने वाले किसानों के लिए शुद्ध पेयजल तक का इंतजाम नहीं है।
विजयराघवगढ़ के ही पथरहटा क्रय केंद्र में भी कोरोना से बचाव का कोई इंतजाम नहीं है। न सैनिटाइजर, न ही हाथ धोने के लिए पानी। सोसायटी खाली थी। छन्ना चालू नहीं था। ऑपरेटर का फोन लगाया गया तो वह बंद मिला। केंद्र पर किसी चीज का कोई इंतजाम नहीं था।
विजयराघवगढ़ क्रय केंद्र में कोरोना से बचाव के इंतजाम यहां नहीं दिखे। हालांकि कंप्यूटर ऑपरेटर देवेंद्र मिश्रा ने दावा किया कि केंद्र में हर सुविधाएं है। उन्होंने बताया कि सैनिटाइजर, हाथ धोने के लिए पानी का इंतजाम यहां हमेशा रहता है। किसान को बैठने व ठंड से बचने के भी इंतजाम किए गए हैं। विगढ़ सोसायटी के अंतर्गत कुल 309 किसानों ने पंजीयन कराया है।
“कोरोना से बचाव के आवश्यक नियम खरीदी प्रभारी मानें इसके लिए उन्हें समझाइश दी जाएगी।”– प्रमोद श्रीवास्तव, खाद्य आपूर्ति अधिकारी