ये होते हैं आयोजन
युवा उत्सव में युवा एक मंच पर एकत्रित होकर विभिन्न संस्कृति, धर्म, अनेकता में एकता को दर्शाते हुए सांस्कृतिक, साहसिक प्रदर्शन करते हैं। इस आयोजन के तहत १५ से २९ आयुवर्ग में अध्ययन एवं गैर अध्ययन करने वाले विद्यार्थी शामिल होते हैं। इसमें शास्त्री नृत्य, शास्त्रीय गायन, सामूहिक लोकगीत, सामूहिक लोकनृत्य, एकांकी नाटक, हिंदुस्तानी व कर्नाटक शैली, कत्थक, भरतनाट्यम, ओडीसी, कुच्चीपुड़ी, तबला, मृदंग, हारमोनियम, बांसुरी, गिटार सहित वक्तव्य कला का प्रदर्शन करते रहे हैं। इन विधाओं में जिला, डिवीजन, स्टेट सहित नेशनल तक जिले के प्रतिभागी लोहा मनवा चुके हैं।
इन्होंने दिखाया टैलेंट
युवा उत्सव में जिले के प्रतिभागी नेशनल स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर चुके हैं। २०१५-१६ में तबला वादन में हर्षित सोनी दो बार नेशनल में टैलेंट दिखा सुके हैं। इसी प्रकार २०१४-१५ में लोकगीत में स्टेट पर बहोरीबंद से भावेश्वर यादव, आस्था सिजारिया, सहित २०१६-१७ में प्रदीप चौधरी राज्य स्तर में कत्थक का जलवा बिखेर चुके हैं।
इनका कहना है
हर वर्ष डायरेक्टरेट से प्राप्त दिशा-निर्देश पर दिसंबर माह में युवा उत्सव का आयोजन कराया जाता था। इस साल न तो बजट आया और ना ही आयोजन संबंधी निर्देश। संचालनायल से आगामी आदेश तक युवा उत्सव न कराने के निर्देश प्राप्त हुए हैं।
विजय भार, जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी।