गर्मी में आपूर्ति के लिए टैंकरों की नहीं कराई गई अलग से व्यवस्था, वार्डों में समय पर नहीं पहुंच पा रहा पानी
कटनी•Jun 09, 2019 / 05:37 pm•
mukesh tiwari
Not enough tanker in the municipal corporation
कटनी. पेयजल संकट ने जनवरी माह से शहर में पैर पसारने शुरू कर दिए थे। संकट से निपटने के लिए नगर निगम की तैयारी पर्याप्त न होने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। वार्डों में टैंकरों के माध्यम से आपूर्ति कर्मचारी समय पर नहीं कर पा रहे हैं। इसका कारण यह है कि 45 वार्डों के लिए मात्र 5 पुराने टैंकर नगर निगम के पास हैं और इस हिसाब से नौ वार्डों का बोझ एक टैंकर के कांधे पर है। आपूर्ति प्रभावित होने या जिन क्षेत्रों में सप्लाई नहीं है, वहां पर टैंकर मंगाने पर देरी से सुविधा मिल पा रही है और लोग परेशान हैं। पूर्व में गर्मी के दिनों में आपूर्ति के लिए निजी टैंकरों का सहारा लिया जाता था लेकिन इस वर्ष उसके लिए भी टेंडर नहीं बुलाए गए हैं। निगम के पास पांच टैंकर हैं और उनमें से भी दो बड़े हैं, जिनका उपयोग शादी समारोह या बड़े कार्यक्रमों के दौरान ही किया जाता है। व्यवस्था के लिए जरूरत पडऩे पर पीएम आवास व एक समाजसेवी के टैंकर का सहारा निगम के अधिकारी, कर्मचारी ले रहे हैं।
जलकार्य समिति ने फंसाया पेंच
गर्मी से पूर्व जल कार्य समिति की बैठक में जल आपूर्ति को लेकर चर्चा हुई थी। जिसमें निर्णय लिया गया कि टेंडर बुलाकर निजी टैंकरों से आपूर्ति कराने के स्थान पर निगम खुद के टैंकर क्रय करे ताकि हमेशा होने वाली दिक्कत से निजात मिल सके। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता प्रभावी हो जाने से खरीदी नहीं हो सकी और अब खुद निगम के कर्मचारी व जनप्रतिनिधि परेशान हैं।
इन स्थानों पर हो रही परेशानी
– वार्ड क्रमांक 1 की इंद्रानगर व सरला नगर कॉलोनी
– वार्ड क्रमांक 2 की पन्नी कॉलोनी व शंकरगढ़ क्षेत्र
– वार्ड क्रमांक 44 के नया मोहल्ला
– माधवनगर से लगे अमीरगंज क्षेत्र
– एनकेजे के उडिय़ा मोहल्ला
– रोशन नगर के मस्जिद व रामनगर कॉलोनी
– इसके अलावा आपूर्ति प्रभावित होने पर अन्य वार्डों में रोजाना टैंकर से आपूर्ति करनी पड़ रही है।
इनका कहना है…
यह बात सही है कि टैंकरों की कमी है। आचार संहिता से पहले ही टैंकरों की व्यवस्था के लिए प्रस्ताव पास करा दिया गया था। अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। वर्तमान में निजी तौर पर टैंकरों की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए गए हैं और जहां जरूरत पड़ रही है व्यवस्था बनाई जा रही है।
शशांक श्रीवास्तव, महापौर