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अब चुनिंदा दुकानों और स्कूल प्रबंधन के बीच शुरू हुआ गुप्त अनुबंध का खेल, जानिए कैसे

एक या दो दुकानों में ही मिल रहीं प्रमुख स्कूलों की किताबें

कटनीApr 08, 2019 / 11:40 am

dharmendra pandey

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कटनी. जिले में खुली निजी स्कूलों में किस प्रकाशन की किताब लग रही है और पुस्तकों के क्या दाम है। इसकी सूची निजी स्कूल संचालकों ने जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय को उपलब्ध करा दी है। अब कार्यालय से सूची लेकर पुस्तक विक्रेताओं को किताबें खरीद कर बिक्री करनी है, लेकिन जिले में किताब कॉपी बेचने का कारोबार करने वाले विक्रेता जिला शिक्षा कार्यालय से सूची लेने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। चार दिन बीत जाने के बाद भी कोई पुस्तक विक्रेता सूची लेने नहीं पहुंचा। अभिभावकों का आरोप है कि निजी स्कूल संचालक और चुनिंदा दुकानों के बीच गुप्त अनुबंध का खेल चल रहा है। प्रमुख स्कूलों की किताबें गिने चुने पुस्तक दुकानों में ही मिल रही है। दुकान संचालक व निजी स्कूलों की आपसी सांठगांठ का खेल बदस्तूर जारी है। नतीजा यह होगा कि अभिभावकों को महंगें दामों पर ही पुस्तकें खरीदनी पड़ेगी।
उल्लेखनीय है कि नवीन शिक्षण सत्र की शुरुआत होते ही निजी स्कूल संचालक व पुस्तक विक्रेता आपस में मिलकर अभिभावकों को मनमाने कीमत में पुस्तक-कापियां बेचते हैं। एक या दो दुकानों में ही किताबें मिलने के कारण पालकों को मजबूरी में किताबें खरीदनी पड़ रही है। किताब कॉपी के नाम पर लुट रहे अभिभावकों को राहत देने के लिए कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्कूल में पुस्तकें व कॉपियां नहीं बेचीं जाए।
पहले स्कूलों पर लगाते थे सूची नहीं देने का आरोप, अब बना रहे यह बहाना:
जिलेभर में किताबें बेचने का कारोबार कर रहे पुस्तक विक्रेताओं द्वारा सूची नहीं लेने के पीछे के कारणों का पता लगाया गया। तो पुस्तक विक्रेताओं द्वारा कहा जा रहा है, कि जिला प्रशासन को फरवरी में इस तरह के नियम बनाने थे। इस शिक्षण सत्र की तो किताबें बिक गई है। अब मंगाकर भी क्या करेंगे। इससे पहले पुस्तक विक्रेताओं द्वारा यह कहा जाता था कि निजी स्कूलों द्वारा सूची उपलब्ध नहीं कराई जाती है। तो हम कहा से किताबें बेचे।

फैक्ट फाइल:
-400 से अधिक जिले में संचालित हैं निजी स्कूल।
-100 से अधिक लोग जिलेभर में कर रहे किताब बेचने का कारोबार।
-80 हजार से अधिक हैं जिलेभर में निजी स्कूलों की छात्र संख्या।

इनका कहना है:
कलेक्टर से मिले निर्देश पर जिलेभर में संचालित निजी स्कूलों में किस प्रकाशन की पुस्तकें लग रही है। निजी स्कूलों ने इसकी सूची उपलब्ध करा दी है। अभी तक कोई भी पुस्तक विक्रेता सूची लेने नहीं आया।
एसएन पांडे, जिला शिक्षाधिकारी।
……………….

इनका कहना है:
सीबीएसइ स्कूलों की पुस्तकों का 80 फीसदी काम पूरा हो गया है। स्कूलों की सूची जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय पहुंच गई है। इसकी जानकारी नहीं थी। सभी पुस्तक विक्रेताओं को कार्यालय से सूची लेकर पुस्तकें खरीद कर विक्री करने को कहा जाएगा।
राकेश सुहाने, सचिव, पुस्तक विक्रेता संघ।

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