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कटनी

मिलर्स को प्रोत्साहित करने चार श्रेणियों में प्रोत्साहन राशि तय करने की तैयारी

जितना ज्यादा एफसीआइ में जमा होगा चावल, उतनी ही अधिक प्रोत्साहन राशि.

कटनीJun 17, 2021 / 12:00 pm

raghavendra chaturvedi

After the purchase of paddy, due to the slow speed of milling, the paddy had to be kept in the open cap for more time. 1 lakh 70 thousand metric tonnes of paddy is stored in different open caps of Katni district.

धान खरीदी के बाद मिलिंग की धीमी रफ्तार के कारण धान ज्यादा समय ओपन कैप मेंं रखना पड़ा। कटनी जिले के अलग-अलग ओपन कैप में 1 लाख 70 हजार मिट्रिक टन धान का भंडारित है।

राघवेंद्र चतुर्वेदी @ कटनी. सरकारी धान की मिलिंग के बाद जरुरतमंद परिवारों के लिए चावल जमा करने वाले मिलर्स को प्रोत्साहित करने अब प्रदेश सरकार ने चार श्रेणियों में प्रोत्साहन राशि देने की तैयारी की है। इसमें मिलर्स जितना ज्यादा चावल एफसीआइ के मानकों के अनुसार जमा करवाएंगे, उन्हे उतनी ही अधिक प्रोत्साहन राशि मिलेगी।

मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाइज कार्पोरेशन (नान) के जिला प्रबंधक मधुर खर्ग बताते हैं कि मिलिंग का औसत बढ़ाने के लिए मिलर्स को चार श्रेणियों में प्रोत्साहन राशि देने की तैयारी है। गुरूवार को इसकी विस्तृत रिपोर्ट आ जाएगी। प्रोत्साहन राशि में दस रुपये प्रति क्विंटल मिलिंग दर पूर्व के अनुसार पहले से होगी। प्रोत्साहन राशि का उद्देश्य यही है कि राशन दुकानों के लिए जमा होने वाले चावल की गुणवत्ता में किसी प्रकार से कमी नहीं आए। इसके साथ ही गोदाम में रखे धान को जल्दी कम कर चावल में बदला जाए।

ऐसे प्रोत्साहन राशि तय करने की तैयारी
– 50 रुपये प्रति क्विंटल होगी मिलर्स को स्वीकृत कुल मात्रा का 20 प्रतिशत एफसीआइ और 80 प्रतिशत नान में जमा करने पर।
– 100 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन मिलेगी अगर आधा चावल एफसीआइ और आधा नान में चावल अपग्रेड कर जमा करने पर।
– 2 सौ रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि मिलेगी 60 प्रतिशत एफसीआइ और 40 प्रतिशन नान में जमा करने पर।
– ढाई सौ रुपये प्रतिक्विंटल की प्रोत्साहन राशि पूरा चावल एफसीआइ में जमा करने पर मिलर्स को दी जाएगी।

(नोट: चारों श्रेणियों में विस्तृत शर्तें लागू की जाएगी, जो जारी निर्देश पर स्पष्ट होगा। वर्तमान में 10 रुपये प्रति क्विंटल मिलिंग और 25 रुपये प्रोत्साहन राशि दिया जा रहा है।)

इसलिए बढ़ानी पड़ रही प्रोत्साहन राशि-
माना जा रहा है कि पिछले वर्ष जबलपुर संभाग के कुछ जिलों में राशन दुकानों में जानवरों के खाने योग्य चावल सप्लाई का मामला सामने आने के बाद पीएमओ सेे जानकारी मांगने और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा इओडब्ल्यू को जांच दिए जाने के बाद चावल जमा करने के दौरान गुणवत्ता का पालन होने लगा और इससे मुनाफा पर असर पडऩे के बाद मिलिंग की गति कम हो गई। इस साल 6 महीने बीत जाने के बाद भी पूरे प्रदेश में धान की मिलिंग 13 प्रतिशत से ज्यादा नहीं बढ़ी है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मिलिंग बढ़ाने मिलर्स को प्रोत्साहित करने चार श्रेणियों में प्रोत्साहन राशि देने की तैयारी है।

यानि सरकार भी मानती है एफसीआइ से आसान है नान में चावल जमा करना-
सरकारी धान की निजी मिलर्स द्वारा मिलिंग के बाद चावल जमा करने को लेकर जिस प्रकार से प्रोत्साहन राशि तय करने की तैयारी चल रही है। उसके बाद एक सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या सरकार भी मानती है कि फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआइ) के गोदाम की तुलना में नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के अधीन संचालित गोदाम मेंं चावल जमा करना ज्यादा आसान है।

कटनी में 6 माह में महज 12 प्रतिशत ही मिलिंग-
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के बाद मिलिंग के मामले में कटनी प्रदेश के औसत से पीछे है। यहां 3 लाख 27 हजार मिट्रिक टन में महज 52 हजार मिट्रिक टन धान की मिलिंग हो सकी है। जानकार बताते हैं कुछ मिलर्स इस मामले में लगातार सरकारी गोदाम में धान भंडारण का मुद्दा भी उठाते रहे हैं। भंडारण के दौरान धान खराब होने और उससे मिलिंग के बाद चावल की गुणवत्ता पर असर पडऩे की बात कहते रहे हैं।

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