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कटनी

लॉकडाउन में गरीबों पर मार: पीएम आवास बनाना हुआ मुश्किल, निर्माण सामग्रियों के बढ़े दाम

लॉकडाउन के चलते जहां पूरे बाजार में मुनाफाखोरी का दौर जारी है तो वहीं मध्यमवर्गीय परिवार व प्रधानमंत्री आवास योजना के 6230 नए हितग्राहियों को आवास बनाना बड़ा मुश्किल हो गया है। निर्माण सामग्री के दामों में उछाल होने के कारण आशियाना का संपना संजोकर रखने वाले लोगों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें सबसे ज्यादा फजीहत प्रधानमंत्री आवास के हितग्राहियों की हो गई है। तय बजट में ही मकान का निर्माण करना है। रेत, ईंट, गिट्टी, सीमेंट से लेकर लोहा तक के दाम काफी बढ़ गए हैं।

कटनीMay 14, 2020 / 08:24 pm

balmeek pandey

Price of building material increased enormously

Price of building material increased enormously

कटनी. लॉकडाउन के चलते जहां पूरे बाजार में मुनाफाखोरी का दौर जारी है तो वहीं मध्यमवर्गीय परिवार व प्रधानमंत्री आवास योजना के 6230 नए हितग्राहियों को आवास बनाना बड़ा मुश्किल हो गया है। निर्माण सामग्री के दामों में उछाल होने के कारण आशियाना का संपना संजोकर रखने वाले लोगों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें सबसे ज्यादा फजीहत प्रधानमंत्री आवास के हितग्राहियों की हो गई है। तय बजट में ही मकान का निर्माण करना है। रेत, ईंट, गिट्टी, सीमेंट से लेकर लोहा तक के दाम काफी बढ़ गए हैं। इससे लोगों का बजट गड़बड़ा गया है। कारोबारी भी भाड़ा अधिक लगने, लेबर न मिलने आदि के कारण दाम बढ़ाने की दुहाई दे रहे हैं। लॉकडाउन में लोहा के भी दाम बढ़ गए हैं। फरवरी और मार्च माह में लोहा 4100 रुपये क्विंटल था। अब 500 रुपये से लेकर एक हजार रुपये तक इसमें बढ़ोत्तरी हो गई है। शहरी क्षेत्र में 14 रुपये 50 पैसे तो गांव में 43 रुपये प्रतिकिलोग्राम तक लोहा बेचा जा रहा है। लॉकडाउन के शुरुआती दौर में लोहा 39 रुपये तक हो गया था, क्योंकि कंपनियों में लगातार निर्माण जारी था। अब भाड़ा अधिक होने, रायपुर से समय पर माल न आने के कारण शहर में दाम बढ़ गए हैं। कुछ कारोबारियों क मानें तो हर व्यापार में अब सिडीकेट हो गया है। अधिक मुनाफा माने के लालच में भी अधिक रेट में सामगी बेची जा रही है।

500 से एक हजार बढ़े ईंट के दाम
लॉकडाउन की वजह से ईंट के दाम भी बढ़ गए हैं। फरवरी और मार्च माह में लाल ईंट 5 हजार रुपये ट्राली व राखड़ की ईंट 5500 रुपये ट्राली मिल रही थी। अब दोनों ही ईंट में 5-5 सौ रुपये का उछाल है। इसके इलावा भाड़ा भी बढ़कर लग रहा है। 10 किलोमीटर तक के रेंज में 600 रुपये भाड़ लग रहा था जो अब थोड़ा अधिक होने पर 800 रुपये तक लग रहा है। यही हाल गिट्टी के भी हैं। 30 रुपये फीट मिलने वाली गिट्टी अब 37 से 38 रुपये फीट मिल रही है। मार्च

सीमेंट भी हुई महंगी
संकट की इस घड़ी में सीमेंट के दाम भी बढ़ गए हैं। ऐसे में हितग्राहियों को प्रति बोरी 10 से 15 रुपये का फटका लग रहा है। फरवरी माह में 315 रुपये में मिलने वाली बोरी 325 से लेकर 330 रुपये में मिल रही है। लोवर ब्रांड सीमेंट के रेट अधिक बढ़े में हैं। इसमें 25 से 30 रुपये की बढ़ोत्तरी है। 270 की बोरी शहर में 300 व गांव में 305 तक पहुंच गई है। यह स्थिति भी लेबर न मिलने और भाड़ा बढऩे के कारण स्थिति बनना व्यापारी बता रहे हैं। है। डिमांड बढऩे और सप्लाई न मिलने से दाम में अभी और उछाल होने की संभावना व्यापारी बता रहे हैं।

इनका कहना है
जहां पर जरुरत से ज्यादा कीमत होगी वहां पर कार्रवाई की जाएगी। इसमें शुक्रवार को ही सीइओ, बीसी पीएम आवास, पंचायतों के क्लस्टर प्रभारियों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा निर्देश देंगे। निर्माण सामग्री हितग्राही को वाजिब दाम में मिले यह पहली प्राथमिकता होगी।
जगदीशचंद्र गोमे, जिला पंचायत सीइओ।

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