8 माह में तीन ने तोड़ा दम
केस-1
-30 जुलाई को कैमोर में बलवा के मामले में जेल में बंद विचाराधीन कैद शेख इमरान की जिला अस्पताल में मौत हो गई। वह हदयरोग से पीडि़त था। मामले में जिला अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ। परिजनों ने जेलप्रबंधन पर इमरान का उपचार न करवाने व मारपीट करने का आरोप लगाया।
केस-2
– 19 अप्रैल को जिला जेल में हत्या के प्रयास के मामले में बंद विचाराधीन बंदी रामजी पिता दशरथ गड़ारी उम्र 30 निवासी ग्राम गुड़हरी, कुठला की भी तबीयत बिगड़ गई थी। जबतक उसे अस्पताल लेकर पहुंचाया गया तबतक उसकी मौत हो चुकी थी। मामले में मृतक की पत्नी ने उसे जहर देकर मारने का आरोप लगाया था।
केस-3
– 3 अक्टूबर 2017 को लूट के मामले में विचाराधीन कैदी वीरू पिता राजाकं धी कोल की जेल में तबीयत बिगड़ गई थी। जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार के दौरान ही उसने दमतोड़ दिया था। बताया गया था कि कैदी के पैर में अचानक दर्द उठा था। जेल में प्राथमिक उपचार कर अस्पताल लाया ही जा रहा था कि उसकी मौत हो गई।