जानकारी के अनुसार डेढ़ माह पहले बदमाशों ने डकैती की वारदात को अंजाम देने के लिए मोटरसाइकिल क्रमांक एमपी 21 एमजे 4674 रघुनाथ गंज निवासी कारोबारी सतीश मोदी निवासी से 100 रुपए के स्टाम्प पेपर में इकरारनामा, नोटरी कराकर 6 अक्टूबर को खरीदी थी। यह गाड़ी रणवीर कुमार (25) निवासी चुनार मिर्जापुर उत्तप्ररप्रदेश के नाम से खरीदी गई थी। सतीश ने बाइक बेचने के लिए ऑनलाइन एप में डाली थी, जिसके माध्यम से बदमाशों ने बाइक खरीदी। घटना को अंजाम देने गाड़ी का नंबर बदल दिया।
नाम गलत, लेकिन फोटो सही लगाकर फंसा
बदमाश शहबाज ने डकैती के लिए बाइक खरीदी करने फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया, लेकिन बाइक खरीदी के लिए लगाए गए स्टाम्प में उसने अपनी ही फोटो लगाई। कटनी पुलिस चुनार में बाइक खरीददार को तलाशने पहुंची तो वहां रणवीर सिंह नाम का व्यक्ति नहीं मिला। तीन दिन तक पुलिस आरोपी का पता लगाती रही। इसके बाद बिहार पुलिस की मदद से फोटो के आधार पर जांच की तो बदमाशों का साथी बक्सर में रहने वाला शहबाज पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
घर में बेफिक्र बैठा था शहबाज, पहुंच गई पुलिस
डकैती के छह आरोपियों में शहबाज का नाम न होने के कारण वह घर में बेफिक्र होकर रह रहा था। कटनी पुलिस ने पतासाजी करते हुए मंगलवार को शहबाज के घर में दबिश दी तो वह सकते में आ गया। पहले तो पुलिस से यहां-वहां की बातें करने लगा। जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो उसने सारे राज उगले। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और अब वह कटनी लाया जा रहा है।
डकैती में यह भूमिका निभाता था शहबाज
बताया गया है कि शहबाज का काम डकैती और लूट की वारदातों में मैनेजमेंट का काम देखता था। साथी बदमाशों को शहर में रुकवाने के लिए मकान की तलाश करवाता था और किसी विभाग में काम करने का हवाला देकर मकान किराये पर लेते थे। इसके अलावा शहबाज बदमाशों की संपूर्ण व्यवस्था देखने के साथ मोबाइल, सिम दिलाने का काम करता था।
मकान भी लिया था नाम बदलकर
डकैती की वारदात को अंजाम देने के लिए बदमाशों ने स्लीमनाबाद में के गणेश मोहल्ला स्लीमनाबाद में अवधेश दुबे का मकान किराये से लेकर रह रहे थे। एसपी ने बताया कि गिरफ्तार अंकुश साहू ने नाम बदलकर मकान किराये से लिया था। इसने विवेक कुमार के नाम से दस्तावेज लगाए हैं। बदमाशों ने मोबाइल कंपनी का टॉवर लगाने व पीएचई का काम करने के लिए काम शुरू करने का कहकर मकान किराये से लिया था।
जेल में ही बना दिया गया था मैनेजर
बिहार की जेल में बंद मास्टर माइंड सुबोध सिंह ने डकैती की जो गैंग तैयार की है उसका मैनेजर शहबाज को बना दिया था। जेल में ही डकैती में शामिल बदमाशों की दोस्ती हुई और गिरोह तैयार किया गया था।
रैकी में शामिल था शहबाज
मणप्पुरम गोल्ड लोन में की गई डकैती वारदात के पूर्व बदमाशों ने कई दिन रैकी की है। इस रैकी करने में शहबाज भी शामिल था। कटनी और जबलपुर दोनों जगह इसने रैकी की है। शहबाज के खिलाफ डकैती की वारदात में शामिल होने सहित धारा 420 अपराधिक षडयंत्र रचने पर कार्रवाई होगी।
फरार बदमाशों की जारी है तलाश
सोना लेकर फरार डकैती के चार अन्य बदमाशों की तलाश पुलिस द्वारा की जा रही है। जबलपुर, मंडल, डिंडौरी, अनूपपुर, बिहार सहित दिल्ली आदि बड़े शहरों में दबिश दी जा रही है। पुलिस का मानना है कि कई बार अपराधी बड़े शहर में अपनी पनाह बना लेते हैं, इसके चलते जांच चल रही है। उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर को हुई डकैती में शामिल अखिलेश उर्फ विकास उर्फ जॉन निवासी वैशाली बिहार, अर्जुन उर्फ पीयूष उर्फ आयुष जयसवाल निवासी पटना, मिथिलेस उर्फ धर्मेन्द्र पाल निवासी बक्सर एवं अमित सिंह उर्फ विक्कू निवासी हॉजीपुर वैशाली 16 किलो सोना व साढ़े तीन लाख रुपए नकद लेकर अबतक फरार हैं।
वर्जन
डकैती की वारदात में बक्सर के शहबाज ने रणवीर सिंह बनकर बाइक खरीदी थी, जिसे गिरफ्तार कर कटनी लाया जा रहा है। यह डकैती गैंग में मैनेजमेंट का काम देखत था। अंकुश ने स्लीमनाबाद में विवेक कुमार के नाम से मकान लिया था। आरोपियों से पूछताछ जारी है। फरार चार मुख्य आरापियों की टीम तलाश कर रही है।
सुनील कुमार जैन, एसपी।