आठ दिन पहले स्लीमनाबाद में बना लिया था ठिकाना
डकैती की वारदात को अंजाम देने के लिए बदमाशों ने स्लीमनाबाद में भी ठिकाना बना लिया था। 8 दिन पहले गणेश मोहल्ला स्लीमनाबाद में अवधेश दुबे का मकान किराये से लेकर रह रहे थे। वहां से कटनी आकर बैंक की रैकी करते थे। बदमाशों ने जियो कंपनी का टॉवर लगाने के लिए काम शुरू करने का कहकर मकान किराये से लिया था।
7 नवंबर से कर रहे थे रैकी
मणप्पुरम बैंक की बदमाश 7 नवंबर से लगातार 20 दिनों तक रैकी कर रहे थे। पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के अनुसार 7, 14, 15, 16 नवंबर के अलावा अलग-अलग तारीखों में रैकी की है। स्लीमनाबाद से अंदर कच्चे रास्ते भागने के लिए भी रैकी कर रखी थी। दो बदमाश सतना की ओर भागे हैं। मुख्य आरोपी ढीमरखेड़ा होते हुए कुंडम की तरफ से भागे।
साथी पकड़ाए तो फिर ऐसे दिया चकमा
वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश स्लीमनाबाद, दशरमन, बघराजी होते हुए कुंडम पहुंचे। इस दौरान लोकेशन मिलने पर पुलिस पीछा कर रही थी। चार बदमाश बघराजी से कुंडम की ओर दो बाइकों में चल रहे थे। निवास की तरफ जब जाने लगे तो वहां पर ट्रैप हो गए और दो को पुलिस ने दबोच लिया। पीछे वाली मोटरसाइकिल में दो बदमाश सोना लेकर चल रहे थे, जैसे ही सामने देखा कि साथी पकड़ गए तो तत्काल बाइक मोड़ी और कुंडम की ओर भाग निकले। कुछ किलोमीटर चले और रास्ते में बाइक छोड़ दी। इसके बाद बदमाश किस साधन और किस तरीके से कहां भागे, इसका पता पुलिस लगा रही है।
यहां सर्चिंग कर रही हैं टीमें
बदमाशों को पकडऩे के लिए सर्चिंग में 12 टीमें लगी हुई हैं। 120 पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों की टीम पतासाजी में जुटी हुई है। अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, जबलपुर, कुंडम, नरसिंहपुर दो-दो टीम, पटना-बिहार में तीन टीम सर्चिंग में जुटी हैं।
30-30 हजार का ईनाम घोषित
दिनदहाड़े बैंक में डकैती की वारदात को अंजाम देकर फरार चार अन्य आरोपियों पर आइजी उमेश जोगा ने ईनाम घोषित किया है। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 30-30 हजार रुपए के ईनाम की घोषणा की है।
ऐसे बना डकैती के लिए गिरोह
पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को बताया कि बक्सर जेल में बंद मास्टर माइंड सुबोध सिंह पूरे नेटवर्क को ऑपरेट कर रहा है। इस गिरोह में काम करने के लिए जेल जाना पड़ता है। सरगना जेल में वहां से फिर लूट, डकैती व अन्य अपराध करना सिखाता है। एडवांस पार्टी दी जाती है। कमरा, किराया खर्चा, देकर बाइक से रैकी कराई जाती है। गाडिय़ां अलग-अलग शहरों से खरीदते हैं।
ऐसे शहर से भाग गए बदमाश
10 बजकर 25 मिनट से लेकर 10 बजकर 40 मिनट में वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश स्लीमनाबाद पहुंचे। यहां से सीधे दशरमन के लिए निकले। 11 बजकर 50 मिनट में बदमाशों की लोकेशन दशरमन में मिली, जिसके बाद पुलिस सक्रिय हुई। 11 बजे प्वाइंट चलने के बाद स्लीमनाबाद क्रॉस कर चुके थे। गिरफ्त में आए दो बदमाशों ने पुलिस को बताया कि जबलपुर व रीवा-सतना मार्ग इसलिए नहीं गए क्यों वहां कैमरे लगे हैं, पकड़े जाते।
डेढ़ माह पहले शहर से ही खरीदी बाइक
बदमाशों ने डकैती की वारदात में प्रयुक्त बाइक क्रमांक एमपी 21 एमजे 4674 रघुनाथ गंज निवासी कारोबारी सतीश मोदी से 100 रुपए के स्टाम्प पेपर में इकरारनामा, नोटरी कराकर 6 अक्टूबर को खरीदी। यह गाड़ी रणवीर कुमार (25) निवासी मिर्जापुर चुनार उत्तप्ररप्रदेश के नाम से खरीदी गई। सतीश ने बाइक बेचने के लिए ऑनलाइन एप का प्रयोग कियाथा, जिसके माध्यम से बदमाशों ने बाइक खरीदी। घटना को अंजाम देने गाड़ी का नंबर बदल दिया।