scriptसरकार मान रही थी इस जिले में चल रहा ऑल इज वेल, फिर सामने आई ऐसी हकीकत की मच गया हड़कंप | Special Story on World Population Day | Patrika News
कटनी

सरकार मान रही थी इस जिले में चल रहा ऑल इज वेल, फिर सामने आई ऐसी हकीकत की मच गया हड़कंप

हम दो हमारे दो का नारा फेल, हम दो के साथ हमारे तीन व हमारे चार तक बढ़ रहे परिवार, प्रदेश के 13 अधिक प्रजनन दर वाले जिलों में कटनी भी शामिल

कटनीJul 11, 2018 / 09:24 pm

balmeek pandey

World Population Day

World Population Day

कटनी. विश्व जनसंख्या पर जब पूरी दुनिया लगातार बढ़ती आबादी पर चिंतन कर रही है, ऐसे में कटनी जिले की स्थिति कुछ अलग ही है। जनसंख्या नियंत्रण के लिए यहां हम दो हमारे दो के नारे तो खूब लगे। लोगों को परिवार सीमित करने के लिए तमाम जागरुकता के अभियान भी चलाये गए, लेकिन स्थिति उलट निकली। जनसंख्या नियंत्रण के लिहाज से जिले में टोटल फर्टिलिटी रेट (टीएफआर) प्रजनन दर 2:1 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए, लेकिन कटनी में टीएफआर रेट 3:1 से ऊपर पहुंच गया है। यानि जिले में हम दो हमारे दो की बजाय लोग हम दो साथ हमारे तीन व हमारे चार तक परिवार बढ़ा रहे हैं। हर साल 11 जुलाई को बढ़ती जनसंख्या के खतरों के प्रति आगाह करने, लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। विश्व जनसंख्या दिवस का उद्देश्य आबादी के बढ़ते दर को कम करना है, लेकिन यह समस्या कटनी जिले में कम होने की बजाय विकराल होती जा रही है। दिन-प्रतिदिन तेजी से बढ़ रही जनसंख्या आज सबसे बड़ी चिंता का विषय है। कटनी जिले में टीएफआर रेट (प्रजनन दर) सामान्य से अधिक पहुंच जाना जीवंत उदाहरण है।

ये है जिले की हकीकत
पिछले 7 सालों में दो लाख से अधिक जनसंख्या बढ़ गई है। जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार ने कटनी जिले को ‘मिशन परिवार विकास’ में विशेष रूप से शामिल किया है। इसकी मुख्य वजह जिले में प्रति दंपत्ति प्रजनन दर सामान्य 2.1 से बढ़कर 3.1 के ऊपर पहुंच जाना है। वर्ष 2011 की सेंसेस रिपोर्ट के अनुसार जिले की आबादी 12 लाख 92 हजार 42 थी जो बढ़कर 14 लाख के ऊपर लगभग 15 लाख के आसपास हो गई है। जिसे कम करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को लक्ष्य दिया गया। हैरानी की बात तो यह है कि शासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग जागरूकता कार्यक्रम, नसबंदी कैम्प सहित विश्व जनसंख्या दिवस पखवाड़ा मनाता है, बावजूद जनसंख्या में इजाफा हो रहा है। सालभर में प्रति हजार 12 से 13 बच्चे जन्म ले रहे हैं जबकि मौत का आंकड़ा प्रति हजार 8 ही है।

मिशन में शामिल फिर भी नहीं प्रयास
सरकार ने प्रदेश में 13 उच्च प्रजनन दर वाले जिलों को चिन्हित किया है। इसमें कटनी भी शामिल है। इन जिलों का टीएफआर रेट 3-0 और 3-5 है। ‘मिशन परिवार विकास’ के तहत दो नए परिवार नियोजन कॉन्सेप्ट के साथ नसबंदी प्रोत्साहन राशि में वृद्धि की गई है। मिशन के तहत गर्भनिरोधक साधनों में ‘अंतरा’ इंजेक्शन की निर्धारित समयानुसार 4 डोज महिलाओं को दिया जाना था। इसके अलावा ‘छाया’ टेबलेट का वितरण किया जाना है। लगभग एक वर्ष इस योजना को शुरू हुए होने जा रहे हैं, लेकिन अभी तक हजार लोगों को भी इस अभियान के तहत नहीं जोड़ा गया।

यह थी पूर्व के 20 वर्ष की स्थिति
विवरण 2011 2001
कुल जनसंख्या 1292042 1064167
पुरुष 662013 548368
महिला 630029 515799
जनसंख्या ग्रोथ 21.41त्न 20.70त्न

जिले को लेकर खास-खास
– 4 हजार 950 किलोमीटर के दायरे में फैला है कटनी जिला।
– मप्र की 1.78 प्रतिशत 2011 में थी कटनी की आबादी।
– 2001 में एक हजार पुरुष में 941 महिला व 2011 में 952 हैँ महिलाएं।
– 0 से 6 उम्र तक बच्चे-बच्ची में 939 है अंतर।
– 2011 में बच्चे 14.97, लड़के 15.07 व लड़कियों का 14.86 था प्रतिशत।
– आंकड़ों के हिसाब से 14 लाख 2250 हुई जनसंख्या, अनुमानित है 15 लाख।


प्रोत्साहन राशि बढ़ी फिर भी नहीं सार्थक परिणाम
परिवार नियोजन के लक्ष्य को हासिल करने व प्रजनन दर रोकने के लिए प्रोत्साहन राशि भी बढ़ाई गई, लेकिन जिले में सार्थक परिणाम सामने नहीं आई। पुरुष नसबंदी पर हितग्राही को 3000, प्रेरक को 400, समान्य महिला नसबंदी पर हितग्राही को 2000, प्रेरक को 300, प्रसव 7 दिवस के अन्दर नसबंदी पर हितग्राही को 3000, प्रेरक को 400, अंतरा इंजेक्षन 90 दिनों तक गर्भ से सुरक्षा पर 100 रुपए, पीपीआईयूसीडी पर 300 और प्रेरक 150 रुपए दिए जा रहे हैं इसके बाद भी लक्ष्य नहीं भेदा जा सका।

6 साल में ये है परिवार नियोजन की हकीकत
वर्ष लक्ष्य एचीवमेंट प्रतिशत
2012-13 8900 7139 56.24
2013-14 8900 7139 86.21
2014-15 12240 5932 48.46
2015-16 8900 6803 76.44
2016-17 9500 6007 64.40
2017-18 10050 6118 64.40
2018-19 10050 130 1.37

जनसंख्या वृद्धि रोकने ये प्रयास
– नसबंदी ऑपरेशन
– पोस्ट सिस्टम
– अंतरा इंजेक्शन
– छाया टैबलेट वितरण
– पीपीआईयूसीडी कॉपर टी
– पोस्ट एबॉर्सन पीपीआईयूसीडी
– आईयूसीडी
– जागरूकता

ये है 2011 की स्थिति
2011 की जनगणना के अनुसार जिले की जनसंख्या 12 लाख 92 हजार, 42 थी। इसमें पुरुषों की संख्या 6 लाख 62 हजार 13 व महिलाओं की संख्या 6 लाख 30 हजार 29 थी। जनसंख्या ग्रोथ 21.41 प्रतिशत रहा, जो अब बढ़ गया है। लिंगानुपात 952 रहा है। 2001 की जनगणना में जनसंख्या 10 लाख 64 हजार 167 थी और लिंगानुपात 941 रहा। लिंगानुपात भले ही सुधरा है, लेकिन प्रजनन दर तेजी से बढ़ा है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट
समाजसेवी एवं विशेषज्ञ डॉ. ब्रम्हण जसूजा का कहना है कि सरकार ने लोगों के जागरूक करने के लिए वैसे तो ‘हम दो हमारे दो’, ‘छोटा परिवार सुखी परिवार’ ‘गूंजे घरघर यह नारा, छोटा हो परिवार हमाराÓ जैसे नारे भी दिए है, लेकिन इनका कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अगर जनसंख्या नियंत्रित हो जाए तो आने वाली पीढ़ी को जहां पूरी सुविधाएं मिल सकेंगी वहीं वह स्वस्थ भी होगी।

 

इनका कहना है
जिले का प्रजनन दर सामान्य से अधिक है। परिवार नियोजन की स्थिति भी अपेक्षाकृत नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व आशा कार्यकर्ताओं सहित अन्य लोगों को अभियान में तैनात किया जाएगा। लापरवाही करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। परिवार नियोजन के लिए विशेष जागरुकता अभियान चलाया जाएगा।
केवीएस चौधरी, कलेक्टर।

Home / Katni / सरकार मान रही थी इस जिले में चल रहा ऑल इज वेल, फिर सामने आई ऐसी हकीकत की मच गया हड़कंप

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो