इसी कड़ी में जिला प्रशासन द्वारा जनजातीय गौरव सप्ताह पर जागृति पार्क में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें लखनऊ के प्रसिद्ध किस्सागोई हिमांशु बाजपेयी और प्रज्ञा शर्मा ने वीरांगना रानी दुर्गावती की वीरता की कहानी अपने अंदाज में सुनाई। हिमांशु बाजपेयी और प्रज्ञा शर्मा ने 16वीं सदी की वीरांगना रानी दुर्गावती के जन्म से लेकर उनकी शहादत की दास्तान को अनोखे अंदाज में प्रस्तुत कर लोगों में जोश का संचार किया और किस्सागोई के माध्यम से हिन्दुस्तान की बेटियों की वीरता को सभी के सामने रखा।
बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा की धनी रानी दुर्गावती के बचपन के किस्सों के साथ उनके रानी बनने तक के सफर और अपने राज्य को बचाने के लिए अपने सैनिकों के साथ जिस तरह से उन्होंने वीरता का परिचय देकर शहादत दी, उसकी कहानी को लखनवी अंदाज में सुनकर लोगों ने तालियों की गडगड़़ाहट के बीच कलाकारों का उत्साह बढ़ाया।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्यामाचरण उपाध्याय ने जनजातीय गौरव सप्ताह अंतर्गत किए जा रहे आयोजन के दौरान उपस्थितजनों को संबोधित किया। इससे पहले कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने जनजातीय गौरव सप्ताह के अंतर्गत आयोजित किस्सागोई कार्यक्रम पर प्रकाश डाला। कलेक्टर ने कहा कि जिस तरह से कटनी के स्टोन को बढ़ावा देने जागृति पार्क में कटनी स्टोन आर्ट फेस्टिवल आधारशिला का अनोखा आयोजन किया गया है, उसी तरह जनजातीय गौरव सप्ताह में भी वीरांगना रानी दुर्गावती की वीरता की कहानी के साथ लोग किस्सागोई की अनोखी विद्या से परिचित हों, इसके लिए इसका आयोजन किया गया है।
किस्सागोई की प्रस्तुति देने आए कलाकार हिमांशु बाजपेयी ने कहा कि किस्सागोई विद्या का सरताज हिन्दुस्तान है। कथा सुनाने की परंपरा हमारे यहां से निकलने के बाद ही दुनिया भर में फैली। उन्होंने कहा कि जिस तरह से किस्सा कहना एक कला, उसी तरह से किस्सा सुनना भी एक कला है। हिमांशु ने रानी दुर्गावती के जीवन पर आधारित किस्सा गोई को लेकर कहा कि वीरांगना जिस तरह से खुद को रखा और आजादी की, अधिकारों की बात की वह प्रेरणादायी है। उन्होंने विस्तारवादी नीति का प्रतिकार किया और उनकी कहानी आमजन के मन में एक विश्वास पैदा करने वाली है, जो हमेशा सुनाई जाती रहेगी। इस दौरान पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जैन, सीईओ जिला पंचायत जगदीश चंद्र गोमे सहित अन्य अधिकारी, शहर के व्यवसायी, गणमान्य नागरिक गण मौजूद थे।