कॉलेजों में छात्र राजनीति सक्रिय हो, इसके लिए प्रदेश सरकार ने पांच साल बाद यानि शिक्षण सत्र 2017-18से छात्रसंघ चुनाव कराने की अनुमति दी। कॉलेजों में व्यवस्थित तरीके से चुनाव भी हुए। नवीन शिक्षण सत्र शुरू होते ही पुराने छात्र नेताओं का कार्यकाल भी समाप्त हो गया, लेकिन कॉलेजों में शिक्षण सत्र 2018-19 के लिए छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए। जबकि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नवीन शिक्षण सत्र यानि 2018-19 के लिए शैक्षणिक कैलेंडर में अगस्त व सितंबर माह में चुनाव होने थे, लेकिन समय निकल गया और चुनाव नहीं हो पाए।
पिछले साल जिलेभर के 12 कॉलेजों में हुए थे चुनाव:
शिक्षण सत्र 2017-18 से शुरू हुए छात्रसंघ चुनाव में जिलेभर में 12 कॉलेजों में चुनाव हुए थे। इसमें जिले के शासकीय तिलक कॉलेज, कन्या कॉलेज, बरही कॉलेज, बड़वारा, स्लीमनाबाद, बहोरीबंद, ढीमरखेड़ा, विजयराघवगढ़, श्रमधाम कॉलेज कैमोर, साइंस कॉलेज कैमोर, सिलौंड़ी व उमरियापान कॉलेज शामिल रहा।
छात्रसंघ चुनाव को लेकर शासन से कोई आदेश नही मिला है। उच्च शिक्षा विभाग के शैक्षणिक कैलेंडर के मुताबिक अगस्त व सितंबर में चुनाव हो जाना चाहिए था।
डॉ. सुधीर खरे, प्राचार्य, अग्रणी तिलक कॉलेज।
…………………………….
इधर,
पहले गिट्टी, अब डस्ट की धूल ने बढ़ाई परेशानी
दुगाड़ी नाला से आवागमन करने परेशान हो रहे नागरिक
कटनी. नगर निगम की लेटलतीफी के कारण दुगाड़ी नाला पर पुल का निर्माण कार्य पूरा नही हो पा रहा है। जिम्मेदारों की उदासीनता के कारण अधूरे निर्माण कार्य ने यात्रियों की परेशानी बढ़ा दी है। पुल पर से आवागमन के दौरान नागरिकों को जहां पहले बड़ी-बड़ी गिट्टीयों के बीच से निकलना पड़ रहा था, वहीं अब गिट्टी की डस्ट से उड़ रहीं धूल के गुबार का सामना करना पड़ रहा है।
हर दिन निकलते है हजारों वाहन:
कलेक्ट्रेट कार्यालय की तरफ जाने वाले मार्ग पर अधूरे पड़े दुगाड़ी नाला पुल से हर दिन हजारों की संख्या में छोटे-बड़े वाहन निकलते है। वाहनों के आवागमन से धूल के गुबार उड़ते है। जिसके चलते बाइक सवार, साइकिल व पैदल चलने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उसके बाद भी जिम्मेदारों द्वारा पुल पर डलवाई गई डस्ट पर पानी का छिड़काव नहीं कराया जा रहा है।