scriptजीएसटी के बाद भी टैक्स चोरी, सलाना पांच सौ करोड़ का बिना बिल लेन-देन | Tax evasion after GST, unaccounted money transaction of 500 million | Patrika News
कटनी

जीएसटी के बाद भी टैक्स चोरी, सलाना पांच सौ करोड़ का बिना बिल लेन-देन

बिल मांगने पर व्यापारी कहते हैं ज्यादा दाम लेने की बात, उपभोक्ता नहीं लेते बिल.
कटनी डिजीवन अंतर्गत है कटनी, शहडोल, उमरिया और अनूपपुर जिला.
दो सौ रुपये तक लेन-देन में जरुरी नहीं बिल.

कटनीDec 05, 2019 / 04:31 pm

raghavendra chaturvedi

GST NEWS- जीएसटी की इस समस्या का हल किसी के पास नहीं!!!!

GST NEWS- जीएसटी की इस समस्या का हल किसी के पास नहीं!!!!

कटनी. सरकार के तमाम दावों के बाद भी बिना बिल कारोबार और जीएसटी में टैक्स चोरी का सिलसिला थम नहीं रहा है। गुड्स एंड सर्विसेस (जीएसटी) में कटनी डिवीजन के अधीन आने वाले कटनी, शहडोल, उमरिया और अनुपपुर जिले में बिना बिल कारोबार को लेकर जानकार बताते हैं कि यहां सलाना 5 सौ करोड़ से ज्यादा कारोबार बिना बिल के होता है। उपभोक्ता समान लेने के बाद बिल मांगते भी हैं तो व्यापारी एक ही तर्क देते हैं कि बिल में जीएसटी जुटा तो दाम बढ़ जाएगा। ऐसे में उपभोक्ता भी बिना बिल के ही सामग्री क्रय कर लेते हैं।
जीएसटी को लेकर जानकार बताते हैं कि दो सौ रुपये तक के लेन-देन में बिल जरुरी नहीं है, लेकिन इससे अधिक के लेन-देन में बिल अवश्य लेना चाहिए। उपभोक्ता बिल की डिमांड नहीं भी करें तो व्यापारी को बिल काटना चाहिए।
रोशन नगर निवासी विकास दुबे ने बताया कि शुक्रवार को कपड़ा बाजार में एक जींस पेंट खरीदी। बिल मांगने पर व्यापारी ने कहा कि 5 प्रतिशत जीएसटी अधिक लगेगा तो बिना बिल के ही सामग्री क्रय की।
नईबस्ती निवासी मीरा यादव बताती हैं कि सोमवार को बाजार में इंडक्शन चूल्हा लिया। व्यापारी ने 16 सौ में चूल्हा दिया। बिल मांगा तो बोले जीएसटी अतिरिक्त लगेगा, तो बिना बिल के ही चूल्हा लिया।
वहीं सब्जी मंडी निवासी सजल अग्रहरि ने बताया कि चार दिन पहले सौंदर्य सामग्री लेकर आया। बिल मांगने पर व्यापारी ने कहा कि जीएसटी का चार्ज अलग लगेगा तो बिना बिल के सामग्री लेकर आया।
सीजीएसटी कटनी के सहायक आयुक्त अभिषेक जैन ने बताया कि कटनी डिजीवन के अधीन सलाना लगभग 5 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होता है। दस प्रतिशत कारोबार को जांच के दायरे में माना जा सकता है। हमारी कोशिश होती है कि प्रत्येक लेन-देन पर उपभोक्ता बिल की मांग करें। वैसे मेरा ट्रांसफर भोपाल हो गया है। अब जल्द ही दूसरे अधिकारी प्रभार संभालेंगे।
फैक्ट फाइल
– 4 जिलों में 5 हजार करोड़ का सलाना कारोबार होता है जो सीजीएसटी के अधीन।
– 7 से 8 सौ करोड़ रुपये की सलाना आय होती है सीजीएसटी से।
– 5 सौ करोड़ रुपये का कारोबार ऐसा है जो बिना बिल के फल-फूल रहा है।

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