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कटनी

आरपीएफ ने 14 साल के किशोर को दो दिन थाने में बंद कर बेरहमी से पीटा, टूटा पैर, शरीर पर निशान भी

किशोर पर आरपीएफ की मार की दहशत ऐसी कि डॉक्टर को भी नहीं बता रहा था चोट के कारण
 

कटनीJan 23, 2019 / 11:57 am

dharmendra pandey

The broken leg of the police by beating the police

The broken leg of the police by beating the police

कटनी. रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) कटनी का एक खौंफनाख चेहरा सामने आया है। चोर समझकर कर 14 साल के किशोर को दो दिन तक थाने में बंद रखा और बेहरमी से पिटाई की गई। बेदम पिटाई से किशोर का एक पैर फ्रैक्चर हो गया। शरीर पर भी पिटाई के निशान बने हुए है। शनिवार को जब बेटे का इलाज कराने मां जिला अस्पताल पहुंंची तो, इसका खुलासा हुआ। झर्राटिकुरिया निवासी निखिल वंसकार (14) की मां ने बताया कि उसका बेटा जबलपुर में रहकर पढ़ाई करता है। मकर संक्रांति पर्व पर वह घर आया था। 15 जनवरी को वह दोस्तों के साथ पतंग लेने स्टेशन की तरफ गया तो आरपीएफ जवान उसे पकड़कर मुख्य रेलवे स्टेशन के प्लेट फार्म क्रमांक -5 स्थित थाना ले गए और जमकर पिटाई की। किसी को बताने पर दोबारा पिटाई करने की धमकी दी। पिटाई के खौंफ से हम दोनों मां-बेटे चुपचाप घर चले गए। इधर, मामला सामने आने के बाद आरपीएफ प्रभारी दिनेश सिंह सोए ने पहले तो घटना के बारे में जानकारी होने से इंकार किया। कुछ देर बात उन्होंने कहा कि किशोर को थाना लाया गया था। अपराध क्रमांक-168/19 में धारा 145, 146 व 147 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया, लेकिन पिटाई नहीं की गई है। वह पुलिस कर्मियों को पत्थर मार रहा था। माता-पिता को बुलाकर प्रकरण दर्ज कर छोड़ दिया गया था।

चार दिन बाद उपचार कराने पहुंचे अस्पताल
घटना के चार दिन बाद यानि शनिवार तक जब बेटे का पैर ठीक नहीं हुआ तो उपचार के लिए मां जिला अस्पताल पहुंची। यहां पर डॉक्टर ने पैर में चोट लगने का कारण पूछा। पहले तो मां-बेटे ने बताने से मनाकर दिया। पत्थर गिरने का कारण बताया, लेकिन डॉक्टर ने उनकी बात नही मानी। उपचार नही करने की बात कही। तब बेटे ने बताया कि आरपीएफ पुलिस द्वारा पिटाई की गई है। मां ने बताया कि चार दिन तक वह घर पर ही बेटे के पैर में तेल मालिश करती रहीं, लेकिन जब ठीक नहीं हुआ तब उपचार कराने अस्पताल लेकर आई। इसके बाद बेटे के पैर में डॉक्टरों ने प्लास्टर बांधा।

किशोर बोला-जो आया वही मारा
आरपीएफ पुलिस पर आरोप लगाते हुए निखिल ने बताया कि दो दिन तक थाने में बंद रखा गया। इस बीच जो पुलिस वाले थाने आते वहीं पिटाई करते। उल्टा लटका देते थे। पाइप लात, घूंसों से जमकर पिटाई की। मैं उनको पतंग लूटने की बात कहता रहा, लेकिन मेरी बात नहीं सुनी गई। साथ ही यह भी कहा गया कि किसी को घटना के बारे में बताया तो पकड़कर फिर से पीटेंगे। उन्हीं की पिटाई से मेरा पैर फ्रैक्चर हो गया है।

इनका कहना है
उपनिरीक्षक पटेल द्वारा किशोर को थाना लाया गया था। हो सकता है पूछताछ के लिए बंद किया हो। इस बारे में मुझे जानकारी नहीं है। प्रकरण दर्ज कर माता-पिता को बुलाकर घटनाक्रम के बारे में जानकारी देकर छोड़ दिया गया था। किशोर का पैर कैसे टूटा इसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है।
दिनेश सिंह सोए, थाना प्रभारी आरपीएफ।

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