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कटनी

केंद्र सरकार का आदेश स्कूलों को लगने लगा बोझ, जानिए क्यों

आदेश की लेटलतीफी पड़ रही छात्रों भारी

कटनीDec 16, 2018 / 09:52 am

dharmendra pandey

school child

ADR report- Loksabha candidates have 7 children and some have single

कटनी. हाल ही में केंद्र सरकार ने भले ही स्कूल बैग का भार कम करने के आदेश जारी कर दिए हो, लेकिन सरकार का यह आदेश भी स्कूलों को बोझ लगने लगा है। क्योंकि अब भी मासूम बच्चों के कंधों पर भारी भरकम स्कूल बैग लदे देखे जा सकते हैं। डॉक्टरों की मानें तो नन्हें कंधों पर भार अधिक होने से उनकी रीढ़ की हड्डी झुक सकती है। मांस पेशियों में दर्द भी हो सकता है।
यह भी जानना जरूरी
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को जारी निर्देश के मुताबिक हर कक्षा में बच्चों के उम्र के हिसाब से बस्ते का वजन भी निर्धारित किया गया है। साथ ही छोटी कक्षा में होमवर्क भी बंद हो सकता है।

कक्षा के हिसाब से यह रहेगा बस्ते का वजन:
-कक्षा 1 व 2 के छात्रों के लिए बैग का वजन 1.5 किलो होना चाहिए।
-कक्षा 3 से 5 तक के बच्चों के बैग का वजन 2 से 3 किलो होना चाहिए।
-कक्षा 6 वीं 7 वीं के लिए बैग का वजन 4 किलोग्राम होगा।
-कक्षा 8वीं व 9वीं के लिए बस्ते का वजन 4.5किलोग्राम होगा।
-कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए बस्ते का वजन 5 किलोग्राम निर्धारित किया गया है।

बैक पैन व थकान हो सकती है
बच्चों पर बस्तों के भारी बोझ के कारण मांसपेशियों में दर्द हो सकता है। रीढ की हडड़ी में बदलाव और झुकाव से भी इंकार नही किया जा सकता। साथ ही बच्चों की गर्दन पर इसका असर हो सकता है। थकान हो सकती है। उंचाई बढऩे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। बैक पैन जरूर हो सकता है।
डॉ. पीडी सोनी, हड्डी रोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल।

नहीं आए आदेश
बस्ते के बैग का भर कम करने प्रदेश सरकार से अभी तक आदेश नहीं आया है। आदेश आते ही पालन कराया जाएगा।
एसएन पांडे, जिला शिक्षाधिकारी।

इधर,
आयुक्त ने कहा-चुनाव पूरा हो गया, शिक्षकों को करें एसडीएम कार्यालय की ड्यूटी से मुक्त, फिर भी डटे
जिलेभर में आधा दर्जन से अधिक स्कूलों के शिक्षक अब भी चुनाव ड्यूटी के नाम पर एसडीएम कार्यालयों में पदस्थ, हो रहा पढ़ाई का हो रहा नुकसान
कटनी. चुनाव ड्यूटी के नाम पर एसडीएम कार्यालयों में आधा दर्जन से अधिक अटैच हुए सरकारी स्कूलों के शिक्षक अब आने को तैयार नही है। जबकि चुनाव भी खत्म हो गया है। इधर, सूत्रों की मानें तो कार्यालयों में अटैच शिक्षकों को एसडीएम मुक्त करने के मूड़ में दिखाई नही दे रहे हैं। क्योंकि लोकसभा चुनाव को लेकर फिर से तैयारी शुरू हो चुकी है। मतदाता सूची बनाने का काम प्रारंभ होने वाला है। एसडीएम कार्यालर्यों में वैसे ही कर्मचारियों की कमीं बनी हुई है। ऐसी स्थिति में यदि शिक्षकों को रिलीव कर देते है तो अफसरों के लिए परेशानी खड़ी हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर कई शिक्षकों की ड्यूटी एसडीएम कार्यालय में लगा दी गई थी। जिसके बाद से ये शिक्षक अब भी कार्यालय में पदस्थ है। मतगणना व परिणाम के चार दिन बीत जाने के बाद भी अनुविभागिय अधिकारियों ने प्रभार से मुक्त नहीं किया है। जिले में ढाई माह बाद परीक्षा शुरू होने वाली है। कोर्स भी पिछड़ा हुआ है। ऐसी स्थिति में परीक्षा परिणाम बिगड़ेगा। जिसको देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग की आयुक्त ने शिक्षकों को मुक्त करने के लिए कलेक्टर को पत्र भेजे थे। जिससे की बचे हुए समय पर परीक्षा की तैयारी कराई जा सके। उसके बाद भी कार्यालयों में अटैच शिक्षकों को रिलीव नही किया जा रहा है।

इनका कहना है
एसडीएम कार्यालय में चुनाव ड्यूटी के दौरान पदस्थ किए गए शिक्षकों को रिलीव किया जाएगा। इसके लिए सभी एसडीएम को निर्देश दिए जाएंगे।
केवीएस चौधरी, कलेक्टर।
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