सात गांव में बाघ की दहशत, एक रेस्क्यू हुआ एक और जरुरत
बरही-बड़वारा रेंज के सात से ज्यादा गांव में ग्रामीणों का जीवन बाघ के दहशत के बीच कट रहा है। १५ और २२ अप्रैल को कुआं के आसपास विचरण कर रहे दो शावकों और बाघिन माँ को रेस्क्यू ऑपरेशन कर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व शिफ्ट किया गया। इस रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद कुआं और आसपास गांव में ग्रामीण अब बाघ के दहशत से मुक्त हैं, लेकिन नदावन, सिहोरा-सलैया व करौंदीखुर्द सहित समीपी गांव के लोगों की परेशानी बढ़ गई है। यहां जंगल जाने वाले ग्रामीणों का बाघ से सामना होने की घटना में लगातार इजाफा होने के बाद अब एक और रेस्क्यू ऑपरेशन की जरुरत महसूस की जा रही है। बाघ के विचरण और ग्रामीणों से लगातार हो रहे सामना के बाद सात गांव में ग्रामीण दहशत में हैं। इसमें सलैया-सिहोरा, ताली, कुठिया महगवां, सुरती, नदावन, बगैहा व लुरमी सहित अन्य गांव शामिल हैं।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से लगे कटनी जिले की सीमा में बरही-बड़वारा रेंज के वनक्षेत्र में ६ बाघों का मूवमेंट है। बाघ ज्यादातर झिरिया, ददराटोला और करौंदी के जंगल में देखे जा रहे हैं।
7 दिन में 8 मवेशियों का शिकार, दो ग्रामीणों का हुआ बाघ से सामना – 16 मई को चार मवेशियों का शिकार बाघ ने किया। ताली व सलैया गांव मननारायण के मवेशियों का शिकार बाघ ने किया।
– 17 मई को ताली में बर्मन के बैल का शिकार बाघ ने किया।
– 18 मई सलैया में एक मवेशी का शिकार किया, रेंजर के अनुसार अभी जांच चल रही है।
– 19 मई को जिले के सरहद से लगे बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के धमोखर रेंज के झांझाहार नदी के समीप तेंदूपत्ता तोड़ रहे राकेश सिंह पर बाघ ने हमला किया। राकेश उस समय हाथ पर कुल्हाड़ी रखा था। उसने के हत्थे से बाघ पर उल्टा वार कर अपनी जान बचाई।
– 20 मई को बरही-बड़वारा मार्ग पर स्थित झिरिया के जंगल में बाघ ने एक मवेशी का शिकार किया।
– 21 मई को सिहोरा-सलैया वनक्षेत्र में तेंदूपत्ता तोडऩे के दौरान चंदू भूमिया पर बाघ ने पीछे से हमला किया। चंदू ने उल्टे बाघ के नाक पर मुक्का मारा और बाघ लौट गया।
– 17 मार्च को बीट क्रमांक 421 में लकड़ी बीन रही झल्ली बाई की बाघ के हमले से मौत हो गई।
– 8 अप्रैल को बीट क्रमांक 422 में बाघिन के हमले से महुआ बीन रही बेला बाई की मौत हो गई।
– 9 अप्रैल को करौंदी गांव निवासी शिवराम केवट का शव जंगल में मिला। दो दिन पहले महुआ बीनने निकले वृद्ध की मौत बाघिन के हमले से हो गई।
ग्रामीण जंगल जा रहे हैं, तभी हो रही घटना
तीन बाघों की शिफ्टिंग का प्रस्ताव
डीएफओ अजय कुमार पांडेय ने बताया कि बाघ से सामना उन्ही ग्रामीणों का हो रहा है जो जंगल के अंदर जा रहे हैं। हम लगातार ग्रामीणों को समझाइस दे रहे हैं कि ग्रामीण जंगल के अंदर नहीं जाएं। झिरिया के जंगल में विचरण कर रहे तीन बाघों की शिफ्टिंग रेस्क्यू ऑपरेशन से करने का प्रस्ताव भेजा गया है। चूकि अनुमति नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथारिटी से मिलती है, इस कारण कुछ नहीं कहा जा सकता कि शिफ्टिंग कब होगी।