सबसे पहले स्टेशनरी व छात्र, फिर खोली सब्जी की दुकान
कपिल ने बताया कि समूह बनाने के बाद दोस्तों को रोजगार से जोडऩा पहली प्राथमिकता थी। इसके लिए सबसे पहले कॉपी किताब व छाता बेचने की दुकान खोली, लेकिन कुछ खास आय नहीं हुई। सभी के साथ मिलकर बैठक की। सब्जी की दुकान खोलने पर चर्चा की। क्योंकि यह व्यापार हर माह चलता है। कपिल ने बताया कि समूह में शामिल सदस्य कक्षा 10, 12वीं से लेकर ग्रेज्युऐट व पोस्ट गे्रज्युऐट तक पढ़े लिखे है। समूह में शामिल सभी सदस्य गांव जाकर किसानों से सब्जी खरीदते हैं, इसके बाद बिक्री की जाती है। समूह में शामिल दोस्त भी अपने इस काम से खुश है।
सिर्फ आने-जाने का तेल लेकर एबुंलेंस की कराता है उपलब्ध
दोस्तों को नौकरी देने के साथ ही कपिल क्षेत्रवासियों को न के बराबर खर्चें पर एंबुलेंस भी उपलब्ध कराता है। डिप्लोमाधारी इंजीनियर युवक कपिल ने बताया कि पिता को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस को फोन किया गया, लेकिन वह समय पर नहीं पहुंची। पिता की मृत्यु हो गई। जिसके बाद युवक ने खुद के पैसे से एक छोटी एंबुलेंस खरीदी। अब वह आने-जाने में लगने वाले तेल का खर्च लेकर लोगों को सस्तेदर पर एंबुलेंस की सुविधा दें रहा है।
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