ये और कहीं का नहीं बल्कि उमरियापान से करीब आठ किलोमीट खाम्हा गांव का मामला है। यह गांव महीने भर से अंधेरे में है। तकरीबन 1800 की आबादी वाले गांव के ट्रांसफार्मर जल गए जिसे बदलने के लिए ग्रामीणों ने वो सब किया जो वो कर सकते थे। लेकिन बिजली कंपनी में उनकी एक न सुनी गई। ग्रामीणों के अनुसार गांव में छह ट्रांसफारमर लगे हैं और वर्तमान में सभी 6 ट्रांसफार्मर जले हैं। इन्हें बदलने के लिए कई बार विधुत विभाग से गुजारिश की गई लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में अब महीने भर से पूरा गांव अंधेरे में है।
बच्चों की पढाई पूरी तरह से बंद है। बिजली नहीं होने से किसान खेतों की सिंचाई नहीं कर पा रहे। शाम ढलते ही गांव अंधेरे में डूब जाता है। ताज्जुब तो ये कि विकास की आंधी बहाने वाले जनप्रतिनिधियों की निगाह भी इन ग्रामीणों पर नहीं पड़ रही है।