मंगलवार सुबह चिरिमिरी से चलकर कटनी जाने वाली यात्री गाड़ी 51606 झलवारा रेलवे स्टेशन से पहले ही आउटर पर रुकी। ट्रेन के रुकते ही एक महिला यात्री उतरी और आसपास लकड़ी एकत्रित करने लगी। पूछने पर बताई कि भुट्टा (स्वीटकॉनर्ट) पकाने के काम आएगी। महिला यात्री ने बताया कि यहां अमूमन ट्रेनें रुकती है। कई बार तो आधा घंटा से लेकर एक घंटे तक भी रुक जाती है।
बतादें एक दिन पहले ही 16 जुलाई को झलवारा रेलवे स्टेशन पर 11266 अंबिकापुर-जबलपुर एक्सप्रेस 50 मिनट तक रुकी। यहां यात्री गाड़ी खड़ी रही और मालगाड़ी को आगे निकाल दिया गया। इस संबंध में पश्चिम मध्य रेलवे जोन जबलपुर के सीपीआरओ प्रियंका दिक्षीत ने बताया कि मालगाड़ी एनकेजे से आगे सागर होकर जाने वाली थी। इस कारण यात्री गाड़ी को रोककर एनकेजे में प्रवेश के लिए मालगाड़ी को पहले मौका दिया गया।
झलवारा दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन बिलासपुर का यह अंतिम रेलवे स्टेशन है। इससे आगे पश्चिम मध्य रेलवे का न्यू कटनी जंक्शन (एनकेजे) लगता है। झलवारा रेलवे स्टेशन व उससे पहले आउटर पर ट्रेन के खड़ी होते ही यात्रियों को जैसे पता होता है कि गाड़ी २० मिनट से आधा घंटा तक रुकेगी ही। कटनी से बिलासपुर दिशा के स्टेशनों पर यात्रा करने वाले यात्रियों ने बताया कि झलवारा और एनकेजे क्रमश: बिलासपुर और जबलपुर जोन के अंतिम स्टेशन हैं। यहां एक जोन से दूसरे जोन में ट्रेनों को प्रवेश कराने के दौरान अमूमन समय लगता है। यह अलग बात है कि इस दौरान यात्रियों को होने वाली परेशानी को नजरअंदाज कर दिया जाता है।