चूजे एवं मुर्गी दाना सहित अन्य देखभाल के लिए महिलाओं का समूह गठित करवाया। मुर्गीपालन के बाद विक्रय के लिए बाजार उपलब्ध करवाया गया और रखरखाव का प्रशिक्षण दिया गया।
अब दो सौ से ज्यादा महिलाएं मुर्गी पालन का व्यवसाय संचालित कर रही हैं। बढ़ती संख्या को देखते हुए 60 पोल्ट्री फॉर्म शेड के निर्माण का कार्य चल रहा है। मुर्गीपालन शेड निर्माण की निगरानी कर रहे इंजीनियर सुशील साहू बताते हैं कि पोल्ट्री फॉर्म के संचालन और उससे होने वाली आय से इन महिलाओं के जीवनस्तर में काफी सुधार हुआ है। मुर्गीपालन से होने वाली आय को देखते हुए आसपास गांव की महिलाएं भी मुर्गीपालन से जुड़ रही हैं।