मांग पर नहीं ध्यान
जनपद सदस्य राममिलन रजक, अधिवक्ता प्रशांत शुक्ला, चौधरी समाज सेवा समिति अध्यक्ष हरकेश चौधरी, जयभान रजक, प्रदीप नामदेव, डॉ. मुन्ना श्रीवास आदि ने बताया कि उप स्वास्थ्य केंद्र कांटी को कई दिनों से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाने मांग की जा रही है, इस संबंध में कई बार स्वास्थ्य अधिकारी व जनप्रतिनिधियों को समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई। ग्रामीणों ने बताया कि एएनएम शुक्रवार और मंगलवार को टीका आदि में चली जाती हैं जिसके चलते और परेशानी हो जाती है। दवाएं भी यहां पर नहीं पहुंचती। कई बार तो टीका के लिए भी लाले पड़ जाते हैं । ग्रामीणों का कहना है स्वास्थ्य केंद्र के सामने लोग गोबर के ढेर लगा रहे हैं, जिससे यहां पर पहुंचने वाले लोगों को गंदगी व दुर्गंध का सामना करना पड़ता है।
इन गांवों के लोग हैं आश्रित
कांटी उप स्वास्थ्य केंद्र से लगभग डेढ़ दर्जन गांव लगे हुए हैं। किसी भी समस्या पर पहले उनको उप स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार मिल जाता था, लेकिन अब वह दूर की बात हो गई है। क्षेत्र के ग्राम कांटी सहित, कुर्सीटोला, बदेरा, पड़वई, बरछेंका, महगवां, सिजहनी, धौरा, देवसरी, पौंनिया, निगहरा, मुड़ेहरा सहित अन्य कई गांव आसपास हैं। सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को होती है।
कांटी स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचने वाले मरीजों को तय मापदंड के अनुसार प्राथमिक उपचार आदि मिल सके इसके लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। ग्रामीणों की मांग के संबंध में भी अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। स्टॉफ की समस्या पूरे जिले में है। फिर भी बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है।
डॉ. एसके निगम, सीएमएचओ