जिलेभर में ऐसे अध्यापकों से 1 करोड़ 85 लाख रूपये की रिकव्हरी होनी है। इसमें बसाड़ी संकुल के अध्यापकों ने 23 लाख रूपये और देवराखुर्द के अलग-अलग शिक्षकों ने कुल राशि 42 लाख रूपये जमा करवाई है। बताया जा रहा है कि इस मामले में बड़वारा संकुल के शिक्षक रिकव्हरी की राशि जमा नहीं कर रहे हैं।
जिला पंचायत सीइओ जगदीश चंद्र गोमे के मौखिक आदेश पर बड़वारा संकुल प्राचार्य रिकव्हरी करवा रहे हैं। हांलाकि इस मामले में सीइओ जिला पंचायत का कहना है कि रिकव्हरी की टीप सर्विस बुक में दर्ज की गई है।
कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के अनुसार इस मामले में दोषियों पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। शासन के पैसे की रिकव्हरी करवाई जा रही है। अगर प्रक्रिया में कुछ त्रुटि भी हुई है तो उसे सुधारकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षकों के वेतनमान में गड़बड़ी कर सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाए जाने के मामले को लेकर पत्रिका में प्रमुखता से खबर प्रकाशित की गई। इस मामले में सरकार को लाखों रूपये का चुना लगाने वाले बड़वारा में पदस्थ लेखापाल नरेंद्र गुप्ता को कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने दोषी मानते हुए 23 दिसंबर को निलंबित किया। पत्रिका द्वारा लगातार चलाए गए अभियान के बाद अब तक 65 लाख रूपये की जमा हो चुकी है।