श्रद्धालुओं के लिए बिजली, पानी, स्वास्थ्य सुविधा में किसी तरीके की कमी न हो इसका जिला प्रशासन ने दावा किया था। सप्तमी के मौके पर शीतला धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी तो जिला प्रशासन के सारे दावा हवा-हवाई साबित हो गए। पूरे धाम में चारों तरफ कूड़े का ढेर ही ढेर नजर आ रहा हैं। कहने को तो मेले में सफाई कर्मियों की एक पूरी फौज लगाई गई है लेकिन कुछ जगहों को छोड़कर कहीं भी सफाई कर्मी नजर नहीं आए। भीषण गर्मी के चलते श्रद्धालु परेशान रहे उस पर बिजली विभाग के अघोषित कटौती कोढ़ में खाज साबित हुई।
सोमवार की शाम शीतला धाम में दो अलग-अलग स्थानों पर दो बार बिजली के जर्जर तार टूटकर जमीन पर गिर पड़े। जिसके चलते श्रद्धालु इधर उधर भागते दिखाई दिए। हालांकि तार गिरने से कोई हताहत नहीं हुआ। पंडा समाज के अध्यक्ष शारदा प्रसाद का कहना है कि प्रशासन ने मेला से पूर्व पंडा समाज के साथ बैठक कर व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने का दावा किया था लेकिन मेले के दौरान व्यवस्था पूरी तरीके से नदारद दिखे।