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कौशाम्बी

सामने आया यह सच, तो बचाव में उतरे अधिकारी…

498 ग्राम सभाओं के 840 राजस्व गांवों मे 867 सफाई कर्मी तैनात,

कौशाम्बीJan 01, 2018 / 11:03 pm

Ashish Shukla

kaushambi

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कौशांबी. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के गृह जिले में स्वच्छता अभियान का हाल सामने आने के बाद अधिकारी बचाव में उतर आए हैं। सफाई के लिए जिम्मेदार विभाग के मुखिया डीपीआरओ कमल किशोर अपनी ही पीठ थपथपा रहे हैं। कमल किशोर ने सफाई कर्मियों के संजीदगी से काम करने का दावा करते हुए कहा कि कर्मचारी लापरवाह नहीं है। स्वयं मैं और एसडीएम, बीडीओ, एडीओ पंचायत आदि अधिकारी समय-समय पर गांवों का निरीक्षण करते रहते हैं। कई दफे निरीक्षण किया गया, लापरवाही जैसी कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन सफाई कर्मियों के खिलाफ लापरवाही की शिकायत मिली थी, उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जा चुकी है। डीपीआरओ ने सारा ठीकरा जनता के सिर फोड़ते हुए कहा कि लोग जब तक जागरूक नहीं होंगे, हम लाख कोशिश कर लें स्वच्छता अभियान सफल नहीं हो सकता।

गंदगी ने बदल दी गांवों की सूरत
कहने के लिए गांवों में सफाई करने को कर्मचारी तैनात किए गए हैं, लेकिन इनकी मौजूदगी के बावजूद गंदगी के चलते गांवों की सूरत बदल गई है। नालियां कूड़े से पटी हैं। घरों का गंदा पानी सड़क पर बह रहा है। आबादी के कम दबाव वाले और सूबे की सरकार में ताकतवर ओहदे पर काबिज सत्ताधारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद को सुशोभित कर चुके दिग्गज के गृह जिले का यह हाल प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही प्रदेश सरकार की गंभीरता को भी दर्शा रहा है।

गांवों में तैनात हैं 867 सफाई कर्मी
यह हाल तब है, जब जिले की 498 ग्राम सभाओं के 840 राजस्व गांवों मे 867 सफाई कर्मी तैनात हैं, जिनके वेतन पर प्रत्येक माह लगभग डेढ़ करोड़ रुपये का खर्च आता है। इसके बावजूद गांवों की सफाई व्यवस्था सुधरने की बजाय बदहाल हुई है। ग्रामीणों की मानें तो सफाई कर्मियों का चेहरा महीनों गांव में नजर नहीं आता। कई दफे शिकायत के बाद सफाई कर्मी गांव में आते भी हैं, तो अपनी ही रौ में। आए, मनमानी काम किया और चलते बने। नालियों का कचरा निकाल कर नाली के किनारे ही रख देते हैं। चंद दिनों के बाद फिर वही हाल। सारा कचरा फिर से नाली में चला जाता है। जनता ने भी शिकायतों से आजिज आकर मानों शिकायत ना करने की कसम खा ली है। लोगों ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं उत्तर प्रदेश सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए उचित कार्रवाई करने की मांग की है।
Input By : Shivnandan Sahu

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