जिले के आठ ब्लॉक में से छह ब्लॉक डार्क जोन में है। यहां का भूजल स्तर हर साल एक से डेढ़ मीटर नीचे खिसकता जा रहा है। जिसके चलते पानी की समस्या गहराती जा रही है। किसानों को सिचाई के लिए तो आम जनों को पेयजल के पानी के लिए बेहत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जिले के लोगों को पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए जिला प्रशासन ने प्राकृतिक जल संसाधनों को फिर से जीवित करने की ओर कदम बढ़ाया है।
जिले के सीडीओ हीरा लाल की माने तो जिला प्रशासन ने सालों से बेकार पड़े जर्जर कुओं को दुरुस्त किया जाय। इसके लिए जिला पंचायत राज विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है। जीर्णोद्धार के लिए सूखे कुओं की सफाई कर उसे और अधिक गहरा कराया जाएगा। कुओं के जगत को पक्का करा कर लोगों को बेहतर सुविधा मुहैया कराना जिला प्रशासन की प्राथमिकता में है। इसके अलावा कुओं के आस पास दो दो बड़े गड्ढे बनाये जाएंगे जिसमे कुआं से निकलने वाले पानी वापस उन गड्ढों में जाए और वाटर रिचार्ज हो सके। फिलहाल जिला प्रशासन की यह पहल कितना कामयाब होगी यह तो समय बताएगा लेकिन योजना कामयाब रही तो जिले का गिरता भूजल स्तर में सुधार जरूर होगा। अब देखना ये होगा कि प्रशासन की ये नई पहल आखिरकार भू-जल स्तर को सुधारनें में कितनी मददगार साबित हो सकती है। हालांकि इसके लिए प्रशासन ने जोरशोर से
काम शुरू कर दिया है