खजुरिया गांव के रहने वाले जयपाल की पत्नी रामवती को मंगलवार शाम पांच बजे प्रसव पीड़ा उठी तो उनके तहेरे भाई जगदीश ने 102 एंबुलेंस को कॉल की। पहले तो कॉल रिसीव नहीं हुई। बाद में लगातार डायल करने करीब पर 15 मिनट बाद फोन उठा तो पौन घंटे में एंबुलेंस पहुंचने की बात कही गई, लेकिन एक घंटे से ज्यादा समय बीतने के बाद भी नहीं पहुंची। लगातार फोन करते रहने के बाद घंटों बीत गये लेकिन कोई भी साधन मुहैया नहीं कराया गय़ा।
आखिरकार परिवार के लोगों ने एक तांगा वाले को बुलाकर अस्पताल चलने को कहा। तांग घर से पांच सौ मीटर ही पहुंचा होगा कि तांगे पर ही प्रसव हो गया, उसने एक लड़के को जन्म दिया। इसके बाद परिजन दोनों को लेकर पीएचसी शाही पहुंचे। जहां अस्पताल तो खुला था, मगर डॉक्टर या फिर कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था।
उन्होंने एसडीएम को फोन किया तो पता चला सभी छुट्टी मना रहे हैं। यह सुनकर उनका पारा चढ़ गया और उन्होंने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पर शाही पुलिस मौके पर पहुंची और परिजन को समझाकर शांत कराया। इसके बाद एक एएनएम अस्पताल पहुंचीं। किसी तरह से दोनों को इलाज मिलना शुरू हुआ।
पत्रिका से बातचीत में एसडीएम मीरगंज ईशांत प्रताप सिंह ने कहा कि प्रसूता को इलाज न मिलना स्टाफ की घोर लापरवाही है। सीएमओ को मामले से अवगत करा दिया गया है। पीड़ित परिवार को कार्यालय बुलाया है। मैं खुद इस मामले की जांच करूंगा।