दरअसल भाजपा उम्मीदवार अवधरानी के पुत्र जगजीत सिंह ने जिला पंचायत उपचुनाव में सदस्यों को धन का प्रलोभन देने का मुकदमा मधुपति के पति पूर्व विधायक वाचस्पति व 10 अज्ञात के खिलाफ पूरामुफ्ती थाने में दर्ज कराया है। नामांकन के बाद जब इसी को लेकर सवाल किया गया तो मधुपति अपना आपा खो बैठीं। उन्होंने कहा कि ‘भाड़ में जाए कौशाम्बी का विकास’। सदस्यों को धन का प्रलोभन देने के सवाल पर बोलीं की हम पैसों को लात मारते हैं। मीडिया के सवालों का जवाब देते समय उन्होंने झल्लाहट में कहा कि आरोपों को सच साबित करने के लिये प्रूफ चाहिये।
कौशाम्बी जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी लोकसभा चुनाव के पहले पिछले साल ही चली गयी थी। भाजपा समर्थित जिला पंचायत अध्यक्ष अनामिका सिंह के खिलाफ दो बार अध्यक्ष रह चुकीं मधुपति ने सितम्बर 2018 में अविश्वास प्रस्ताव लाया। पर अविश्वास प्रस्ताव का सामने करने के पहले ही अनामिका सिंह ने इस्तीफा दे दिया। उसके बाद से ही अध्यक्ष की कुर्सी खाली चल रही है। 29 सदस्यों वाले कौशाम्बी जिला पंचायत में अनामिका सिंह ने 17 वोट पाकर जीत हासिल की थी। अब इसमें से नगर पालिका क्षेत्र के चलते तीन सदस्यों की सदस्यता समाप्त हो गयी है, जिसके बाद अब 26 सदस्य बचे हैं। कौशाम्बी फिलहाल पूरी तरह से भाजपा का गढ़ बना हुआ है। तीन विधायक और लगातार दूसरी बार सांसद भाजपा से ही हैं। ऐसे में भाजपा के लिये कौशाम्बी जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट नाक का सवाल हो सकती है।
By Shivnandan Sahu