इस विद्यालय में शिक्षक कोई आम शिक्षक नहीं है बल्कि वह शिक्षक संघ का ब्लॉक अध्यक्ष है। सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देकर बेटियों की शिक्षा व सुरक्षा के प्रति करोड़ो रूपये पानी की तरह बहा रही है लेकिन उन्हीं का अध्यापक सरकार के दावों को खोखला करने में कोई कोर-कसर नही छोड़ रहा है। यहाँ पढ़ने वाली गायत्री के पापा-मम्मी ने कभी सोचा भी नहीं होगा की जिस लाडो को इतने लाड-प्यार से पाला है। जिस बिटिया को अच्छी शिक्षा व बेहतर जीवन जीने के लिये विद्यालय में दाखिला करवाया है वहाँ उससे झाड़ू लगवाया जा रहा है। महज आठ साल की बिटिया के कंधों पर स्कूल की सफाई का भार होगा। जिस लाडो के भविष्य को लेकर उसके पिता ने न जाने कितने सपने सजाए थे। उन सपनों पर शिक्षक नेता ने एक ही झटके में कलम के बदले झाड़ू पकड़ा दिया। ये वो शिक्षक नेता है जो मंचो पर बड़ी-बड़ी डींगे मारते है, जिन्हें न तो अधिकारियों का खौफ होता है न ही माननीयों का डर तभी तो डिप्टी सीएम केशव प्रसाद का गृह जनपद होने के बावजूद आये दिन इस प्रकार की शर्मनाक करतूते कैमरों में कैद होती रहती हैं। स्कूल में बच्चों से झाड़ू लगाने के सवाल पर हेडमास्टर का जवाब ऐसा कि सुनकर खुद अधिकारी भी शर्म से पानी पानी हो जाय।
हेडमास्टर का कहना है कि स्वच्छता का संदेश प्रधानमंत्री दे रहे है तो वह बच्चों को भी साफ सफाई का पाठ पढ़ा रहे है। इसी का नतीजा है कि स्कूल में गंदगी देख बच्चे झाड़ू लगाने में जुट जाते हैं। विद्यालय के एमडीएम शेड व शौचालय में पसरी गंदगी के बाबत हेडमास्टर ईश्वर शरण सिंह सफाई देते हुए कहते है कि सफाई कर्मी के बीमार होने से अव्यवस्था पैदा हुई है। बारिश के महीने में जिस तरह से उदहिन बुजुर्ग गांव के स्कूल में गंदगी पसरी हुई है उसे देख कर आशंका हो रही है कि बच्चों के बीच संक्रामक बीमारी फैल सकती है। पूरे मामले में प्रभारी बेसिक शिक्षा अधिकारी अरविंद पटेल ने जांचकर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है।