विपक्ष अब जिला पंचायत सदस्यों को साधने मे जुट गया है। भाजपा की मधुपति ने एक बार फिर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होने के लिए अपने प्रयास तेज कर दिया है। कौशांबी जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ पिछले महीने 29 मे से 25 सदस्यों ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मधुपति के नेतृत्व में एडीएम राकेश श्रीवास्तव के सामने मौजूद होकर अविश्वास प्रस्ताव की मांग किया था। जिला प्रशासन अविश्वास प्रस्ताव की संभावनाओं को तलाशने मे जुटा तो नगर पालिका में शामिल तीस सदस्यों के सदस्यता को लेकर पेंच फंस गया, इसी बीच जिला पंचायत अध्यक्ष ने खुद को अल्प मत में देख अपना इस्तीफा मुख्य विकास अधिकारी को सौंप दिया।
मुख्य विकास अधिकारी ने अध्यक्ष का इस्तीफा शासन को भेज दिया, शासन ने तीन जिला पंचायत सदस्य अंबुज भारतीय, स्नेहा सरोज व संगीता चौधरी की सदस्यता रद्द करते हुये अध्यक्ष का इस्तीफा मंजूर कर लिया| ढाई साल मे सपा ने दो बार गंवाई कुर्सी पंचायत चुनाव के बाद सपा की मधुपति वाचस्पति ने चार जनवरी 2016 को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए शपथ लिया था| साल बीतते बीतते सदस्यों ने मधुपति का विरोध शुरू कर दिया था, इसके बाद जून 2017 मे सपा के सदस्यों ने विपक्ष के साथ मिलकर अनामिका सिंह को आगे कर अविश्वास प्रस्ताव की मांग किया। अविश्वास प्रस्ताव पर मुहर लगती इससे पहले मधुपति ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद चुनाव मे सपा की ही अनामिका सिंह के हाथ बाजी लगी और वह जिला पंचायत अध्यक्ष चुनी गई। साल बीतने के साथ ही अनामिका को भी अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी।
मधुपति तीसरी बार दौड़ मे आगे सपा समर्थित अनामिका सिंह का इस्तीफा स्वीकार किए जाने के बाद सपा छोड़ भाजपा मे शामिल हुई मधुपति ने एक बार फिर से जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा जमाने की जुगत मे जुट गई है। मधुपति यदि इस बार कामयाब होती है तो वह तीसरी बार जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान होंगी। हालांकि पल पल करवट बादल रही जिले की राजनीति में मधुपति का जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने की राह कांटों भरी है ।
BY- Shiv Nandan Sahu