निर्माण कार्य के लिए वर्ष 2015 में टेंडर सहित अन्य आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। इसके बाद सड़क निर्माण का काम भी शुरू हुआ। इसके तहत डब्ल्यूबीएम का कार्य किया गया। उसके बाद कार्य बंद कर दिया गया जो आज पर्यन्त प्रारंभ नहीं हो पाया है। सड़क का अधूरा निर्माण कराकर छोड़ दिया गया है। सड़क निर्माण का कार्य अब तक पूरा नहीं हो पाया है। जिम्मेदार लोगों की उदासीनता के चलते स्थिति पहले जैसे ही बनी हुई है। इसका खामियाजा कॉलेज स्टाफ व विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। इसके चलते विद्यार्थियों में आक्रोश व्याप्त है।
जनप्रतिनिधियों के मुताबिक कॉलेज रोड निर्माण के लिए जितनी राशि स्वीकृत हुई थी। वह राशि कम पड़ गई थी। इसके बाद एबब की अंतर राशि की मांग शासन से की गई थी। इसके बाद वर्ष 2020 में शासन द्वारा कॉलेज मार्ग पर सड़क निर्माण के लिए 84 लाख 24 हजार रुपए की अतिरिक्त स्वीकृति प्रदान किए जाने की जानकारी मिली थी। इससे डामरीकरण का कार्य कराया जाना है लेकिन करीब एक वर्ष बीतने जा रहा है।
धान का पौधा रोपा
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सड़क निर्माण नहीं होने के विरोध में शुक्रवार को अनोखा प्रदर्शन किया। अभाविप कार्यकर्ताओं ने कॉलेज जाने वाली खराब सड़क पर धान का रोपा लगाया। अभाविप के नगर अध्यक्ष ओमशंकर श्रीवास व नगर मंत्री शेषनारायण चंद्रवंशी ने बताया कि स्वीकृति के लंबे अरसे बाद भी कॉलेज मार्ग में पक्की सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है। विद्यार्थियों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वर्तमान बरसात के मौसम में उक्त मार्ग की हालत और बदतर हो गई है। उन्होंने चेतावनी भी दी कि यदि जल्द ही सड़क का निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं किया गया उग्र आंदोलन किया जाएगा।
तीन किमी का सफर
कहने के लिए तो कॉलेज नगर से महज एक किमी की दूरी पर स्थित है लेकिन कॉलेज पहुंच मार्ग में सड़क निर्माण नहीं होने के कारण विद्यार्थियों व स्टाफ को तीन किमी की अतिरिक्त दूरी तय कर कॉलेज जाना पड़ता है। वर्तमान में कॉलेज जाने के लिए ग्राम चारभाठा के पास से एक सकरा व बदहाल रास्ता है। इसी रास्ते से विद्यार्थी आना-जाना करते हैं।