उल्लेखनीय है कि भारत देश मेंं सभी चीजोंं पर एक समान टैक्स वसूलने के लिए केन्द्र शासन ने खाने-पीने की वस्तु समेत अलग-अलग सामानोंं पर ५ से लेकर २८ फीसदी जीएसटी लगा दिया है। पुस्तक, पेन, कापी और स्टेशनरी सामानोंं में भी जीएसटी लगाया गया है। ऐसेे मेंं पालक अपने बच्चोंं को निजी स्कूल में पढ़ाने के लिए आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है। पत्रिका ने शहर के कुछ बुक स्टाल का जायजा लिया, देखा गया कि यहां जीएसटी लगने के बाद से पेन से लेकर कापी और पुस्तकोंं की कीमतोंं मेंं 40 से 50 फीसदी महंगा हो गया है। ऐेसे मेंं बच्चोंं को उच्च शिक्षा प्रदान कराना पालकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। स्टेशनरी व्यापारी विनय संकलेचा ने बताया कि जून-2018 से नया शिक्षण सत्र शुरू हो गया है। इसी के साथ ही दुकान में पुस्तक, कापी समेत अन्य स्टेशनरी सामानो की बिक्री भी शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि पिछले साल की तुलना मेंं १० वीं से लेकर सिविल सेवा की तैयारी वाले पुस्तकोंं की कीमतों में 40से 60 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है।
डीईओ पीकेएस बघेल ने कहा कि निजी स्कूल संचालकोंं द्वारा स्टेशनरी सामान बेचने की जानकारी नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी
फैक्ट फाइल (जीएसटी प्रतिशत में)
स्टेशनरी समान | पहले | अब | इतना लग रहा जीएसटी |
कलर | 40 | 80 | 28 |
नोटबुक | 20 | 35 | 18 |
टेप | 5 | 15 | 18 |
पेपर बाक्स | 25 | 40 | 18 |
फाइवर कंवर | 40 | 60 | 18 |
कम्पास बाक्स | 50 | 80 | 18 |
इंक और पेन | 5 | 10 | 12 |
फीचर बुक्स | 20 | 40 | 12 |