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कवर्धा

तीन करोड़ रुपए खर्च कराने के बाद व्यापारी से कहा – निर्माण अवैध

नगर पालिका से नीलामी में खरीदी काम्प्लेक्स छत का पंजीयन नहीं, 11 माह से व्यापारी नगरीय प्रशासन के चक्कर काट रहा है। बावजूद मामले का निराकरण नहीं हो रहा

कवर्धाSep 23, 2018 / 12:05 pm

Yashwant Jhariya

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तीन करोड़ रुपए खर्च कराने के बाद व्यापारी से कहा – निर्माण अवैध

कवर्धा . नीलामी की राशि 2.12 करोड़ रुपए पालिका प्रशासन में जमा हो चुका है। एफडी का ब्याज पालिका प्रशासन को मिल रहा है, लेकिन काम्प्लेक्स अब तक व्यापारी के नाम नहीं हो सका है। व्यापारी दर-दर की ठोकरे खा रहा है।
वर्ष 2014 में गांधी मैदान स्थिति काम्प्लेक्स छत की नीलामी हुई। इसमें सुरजीत सिंह खुराना ने अधिकतम बोली लगाकर 2 करोड़ 12 लाख रुपए में खरीदा। इसमें बड़ी पूंजी लगाकर 14 दुकान निर्माण किए। इसके बाद अब जब दुकानों की बिक्री की बारी आयी तो पालिका प्रशासन ही इसमें अडंगा डाल रहा है। पालिका प्रशासन इसे अवैध करार दे रहा है। पालिका प्रशासन के खाते में नीलामी की राशि 2.12 करोड़ पहुंच चुके हैं, जिसकी एफडी का ब्याज राशि भी उन्हें ही मिल रहा है। दूसरी ओर व्यापारी काम्प्लेक्स खरीदकर केवल ठोकरे ही खा रहा है और यह इसलिए क्योंकि मुख्य नगर पालिका अधिकारी ही इसमें रूचि नहीं ले रहे हैं।
नीलामी अवैध कैसे हुआ
दुकानें निर्माण होने के बाद पालिका प्रशासन का कहना है छत पर दुकान बनाने की अनुमति पीआईसी ने दी लेकिन परिषद से अनुमोदन नहीं कराया गया। अब सवाल यह है कि यह बात दुकान निर्माण के पूर्व क्यों नहीं रखा गया। जबकि नगर पालिका में कुल 27 पार्षद, तीन एल्डरमेन, अध्यक्ष, सीएमओ, इंजीनियर, लेखाधिकारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद हैं। निर्माण के समय सब इंजीनियर लगातार इसमें नजर रखे हुए थे। सीएमओ भी रिपोर्ट लेते रहे बावजूद किसी ने नहीं कहा कि नीलामी अवैध है। इतनी बड़ी लापरवाही आखिर किसने की।
आखिकर क्यों नहीं करते निराकरण
पिछले वर्ष अक्टूबर में व्यापारी खुराना ने पालिका और लोक सुराज में आवेदन लगाया कि यदि नीलामी में खरीदी गई काम्प्लेक्स छत का पंजीयन नहीं हुआ तो पंजीयन किया जाए ताकि वह दुकानों की बिक्री कर सके। आज 11 माह से व्यापारी नगर पालिका, कलेक्ट्रेट और नगरीय प्रशासन के चक्कर काट रहा है। बावजूद इस मामले का निराकरण नहीं हो सका है।
दुकान बिक्री नहीं तो वापस करो राशि
यदि पालिका प्रशासन से गलतीवश परिषद में अनुमोदन नहीं कराया और नीलामी अवैध हो गई, तो इसमें सुधार किया जाए। उक्त व्यापारी की नीलामी राशि और निर्माण की लागत राशि देकर काम्प्लेक्स की दुकानें पालिका प्रशासन अपने नाम करे। लेकिन पालिका के अधिकारी इस पर भी राजी नहीं हो रहे। वह केवल व्यापारी को मानसिक रूप से परेशान किए जा रहे हैं। इसलिए मामले का निपटारा बेहद आवश्यक है।
कलक्टर के निर्देश पर भी समाधान नहीं
नगर पालिका अधिकारी से काम न होने से परेशान खुराना का ब्लड प्रेशर हाई हो गया और 31 जुलाई को पालिका परिसर में ही वह बीमार हो गए। जांच में माइनर अटैक बताया गया। व्यापारी ने बताया कि इसके दूसरे दिन कलक्टर ने उन्हें बुलाया और आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं को जल्द निराकरण होगा। कलक्टर ने सीएमओ को 10 दिन के भीतर उक्त मामले के निराकरण के लिए फाइल बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए लेकिन इस बात को आज डेढ़ माह बीत चुके हैं बावजूद सीएमओ ने इस पर कोई पहल नहीं की है।
-गांधी मैदान काम्प्लेक्स नीलामी को लेकर कुछ त्रुटि हुई। इसके लिए पालिका की ओर प्रयास किया जा रहा है कि जल्द से जल्द उक्त व्यापारी के समस्याओं का निराकरण हो सके।
देवकुमारी चंद्रवंशी, अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद कवर्धा
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