मृत युवक के परिजन और बैगा समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि समय पर संजीवनी 108 एंबुलेंस नहीं पहुंचने के कारण युवक को समय पर इलाज नहीं मिल सका। ग्रामीणों के अनुसार वह दो घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार करते रहे। दूसरी ओर संजीवनी 108 के जिम्मेदारों का कहना है कि वह अधिक पानी की वजह से उलट के आगे नहीं जा सके, जबकि वह समय पर पहुंच गए थे और युवक को अस्पताल पहुंचाया।
सरोदा जलाशय के उलट के पानी से हर साल ग्राम केसदा-झंडी सहित कई गांव के मार्ग अवरूद्ध हो जाता है। इस बार दो अब तक तीन बार ऐसी स्थिति बन चुकी है। जलाशय का उलट गहराई में नहीं बनाया गया। दशकों बाद भी यहां पर पुलिया का निर्माण किया जा सका।
सरोदा बांध का निर्माण जून 1963 में हुआ। जलभराव क्षमता 31.25 मिलियन घन मीटर है। इस जलाशय से 52 गांवों तक पानी पहुंचाया जाता है जिससे 7355 हेक्टेयर पर सिंचाई होती है। इसके साथ ही रोजाना 44 लाख लीटर पानी कवर्धा शहरवासियों को निस्तारी के लिए दिया जाता है।