हर वर्ष खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा महिला खेलकूद, ग्रामीण खेलकूद, जिला स्तरीय सिविल, ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण और खेल दिवस पर प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। प्रतियोगिता करने के लिए शासन द्वारा राशि जारी की जाती है। इसमेंं लाखों की राशि खर्च की जाती है,लेकिन खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित नहीं किया जाता।
खेल मैदान तक नहीं
खेल मैदान मानो खत्म हो गए। कवर्धा शहर में विकास के नाम मैदान की ही भेंट चढ़ा दी गई। अब केवल आउटडोर स्टेडियम और पीजी कॉलेज मैदान ही बाकी है। वहीं पीजी मैदान में लगातार निर्माण होते जा रहे हैं। आउटडोर स्टेडियम के एक मैदान में ही सभी प्रकार के खेल और अभ्यास होते हैं, जो खिलाडिय़ों के लिए काफी मुश्किल होता है।
संचालनालय खेल एवं युवा कल्याण छत्तीसगढ़ द्वारा वर्ष २०१७-१८ में जिले में ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर के लिए एक लाख ३५ हजार और सालभर नियमित अभ्यास के लिए खेल सामग्री क्रय करने के लिए ५५ हजार रुपए खेल एवं युवा कल्याण विभाग को जारी किए गए। इसमें कुछ ही खिलाडिय़ों को अभ्यास करने का मौका मिल पाया। इस प्रकार जिले में खिलाडिय़ों पर खर्च नहीं किए जा रहे हैं। केवल प्रतियोगिता आयोजित कर औपचारिकता निभाई जा रही है।
महिला व ग्रामीण खेल पर खर्च
खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा विकासखंड स्तरीय महिला खेल प्रतियोगिता के लिए प्रति विकासखंड २० हजार रुपए और जिला स्तर के लिए प्रति खेल के मान से ८००० रुपए, कुल १० खेल के लिए एक लाख ६० हजार रुपए और खेल दिवस के लिए २५ हजार रुपए जारी किए गए। जबकि ब्लॉक स्तर पर बालिकाएं खेल सामग्री के लिए तरसती रहती हैं। लेकिन कोई सहयोग नहीं मिल पाता है। इसके कारण बालिकाएं खेल में आगे नहंी हो पा रही है।