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कवर्धा

सेहत के लिए खतरनाक है ये केला, नहीं हो रहा यकीन तो जरूर पढ़ें ये खबर, उड़ जाएंगे होश

आपको जानकर हैरानी होगी, लोगों के पास पहुंचने वाला केला रसायनिक (Chemical Banana) लिक्विड और गोली के जरिए पकाया जा रहा है,जो लोगों की सेहत (Health) के लिए घातक साबित हो सकता है।

कवर्धाMay 27, 2019 / 07:18 pm

चंदू निर्मलकर

CG News

सेहत के लिए खतरनाक है ये केला, नहीं हो रहा यकीन तो जरूर पढ़ें ये खबर, उड़ जाएंगे होश

कवर्धा. केला सेहत (Heath) के लिए फायदेमंद है। लेकिन आज के दौर में केला लोगों की सेहत बिगाडऩे में लगा हुआ। ऐसा इसलिए क्योंकि केले (Chemical Banana) का व्यापार (Bussiness) करने वाले लोग केमिकलयुक्त केला बेच रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी, लोगों के पास पहुंचने वाला केला रसायनिक लिक्विड और गोली के (Kawardha District) जरिए पकाया जा रहा है,जो लोगों की सेहत के लिए घातक साबित हो सकता है।
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आप ऐसे पहचानिए केमिकलयुक्त केला को
ठेलों पर लटक रहे केले, नीचे का हिस्सा पीला, फिर हल्का हरा और ऊपर गहरा हरा दिखाई देता है मतलब समझ जाए कि यह केमिकल से ही पकाया केला है। इससे दूर रहने की आवश्यकता है। लोगों (People) की सेहत बिगाडऩे के लिए कच्चे केलों को रसायनिक क्रिया से पकाने का खेल अब कवर्धा शहर में ही शुरू हो चुका है।

शहर के ही घोठिया मार्ग, कैलाशनगर और नवीन बाजार के पास ही थोक में कच्चे केलों को पकाया जाता है। ट्रकों में कच्चा केला लाया जाता है और केमिकल का उपयोग कर रातभर में ही इसे पका कर फल दुकान और ठेलों में बिक्री कर दिया जाता है। इसे दो प्रकार के पकाया जाता है एक तो टैबलेट का उपयोग कर और दूसरा लिक्विड के जरिए।

इथरैल लिक्विड (Etherl liquid) का उपयोग
केमिकल दवाई इथरैल जो लिक्विड के रूप में मिलता है। इस लिक्विड को ड्रम या डब में मौजूद पानी मिला दिया जाता है। इस घोल में केला को एक बार डुबाकर निकाल दिया जाता है और हवा में सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है। इसके लिए एसी का उपयोग किया जाता है। एसी से ठंडकता पाकर केला तेजी से पकता है।

स्थानीय केला बाहर भेज रहे
जिले में पिछले वर्ष 910 हेक्टेयर में केला लगाया गया, जिससे कि 16 हजार 708 मीट्रिक टन केला उत्पादन हुआ। इनता केला होने के बाद भी यह केले बाहर भेजे जाते हैं और बाहर के केले यहां पर सप्लाई किया जाता है। अधिकतर व्यापारी केला का सौदा सीधे किसान की बाड़ी से करते हैं। ट्रक भेजकर बाड़ी में भरा जाता है और अन्य जिला भेज दिया जाता है। वहीं कवर्धा में जो केला बिकता है वह अन्य जिले व राज्य से लाया जाता है।

केमिकलयुक्त टैबलेट
केला को पकाने के लिए केमिकलयुक्त टैबलेट भी आता है। किसी कमरे में केलों को फैला दिया जाता है। इन केलों के बीच ही एक कुछ टैबलेट रख दिए जाते हैं। टैबलेट से गंध निकलती है जो केलों को पकाने का काम करती है। हालांकि इस टैबलेट का उपयोग कवर्धा में कम किया जाता है।

काफी नुकसानदायक
केला पकाने में जो रसायनिक क्रिया का उपयोग किया जाता है मानव शरीर के लिए काफी नुकसानदायक है। मुख्य रूप लिक्विड से पकाया केला ज्यादा हानिकारक है। क्योंकि पूरा केला ही लिक्विड में डूबाया जाता है जिससे कि यह पूरी तरह से केमिकलयुक्त हो जाता है, जो शरीर के लिए काफी नुकसानदायक है।

बाहर से जो केला लाया जाता है वह कच्चा होता है। इसे इथरैल नामक केमिकल लिक्विड से पकाया जाता है। पानी की घोल बनाकर सूखने के लिए रख दिया जाता है जिससे कि वह जल्द से जल्द पक जाता है, लेकिन यह नुकसानदायक है, क्योंकि यह सीधे तौर पर केमिकल के संपर्क में आता है। स्थानीय किसान केमिकल का उपयोग नहीं करते। बाहर से सप्लाई होता है उनमें केमिकल की मात्रा होती है।
डॉ. बीपी त्रिपाठी, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, कृषि महाविद्यालय कवर्धा

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