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कवर्धा

कांग्रेस में दावेदारों की कतार, भाजपा से सामने नहीं आ रहे

पंडरिया विधानसभा में भाजपा की ओर से दावेदार खुलकर सामने नहीं आ रहे। दूसरी ओर कांग्रेस से 21 दावेदार

कवर्धाSep 07, 2018 / 12:15 pm

Yashwant Jhariya

कवर्धा . विरेन्द्रनगर विधानसभा क्षेत्र परिसीमन के बाद 2008 में पंडरिया विस के लिए पहली बार चुनाव हुआ। कांग्रेस के मोहम्मद अकबर ने भाजपा के लालजी चंद्रवंशी को 1861 मतों से हराया था। 2013 के चुनाव में उम्मीदवार बदल गए। अकबर कवर्धा की ओर रूक किए। जबकि लालजी चंद्रवंशी ने भाजपा के मोतीराम चंद्रवंशी को टक्कर दी, लेकिन हरा नहीं सके। कांग्रेस को 7273 मतों से हार मिली। पंडरिया में विधायक की दावेदारी में कई भाजपाई सामने हैं। इसमें प्रमुख रूप से संगठन से ही अजीत चंद्रवंशी, गोपाल साहू, रघुराज सिंह के नाम सामने आ रहे हैं। लेकिन कांग्रेस में 21 नाम कतार में हैं। इसमें जनपद सदस्य लक्ष्मण चंद्रवंशी, लालजी चंद्रवंशी, तुकाराम चंद्रवंशी, कांशीनाथ सिंह, विष्णु साहू, नीलकंठ चंद्रवंशी, ममता चंद्राकर, पूर्व विधायक योगेश्वरराज सिंह, पूर्व जनपद अध्यक्ष अर्जुन तिवारी, लालबहादुर चंद्रवंशी आदि प्रमुख दावेदारों में शुमार हैं। वहीं बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी और जनता कांग्रेस की उम्मीदवारी सामने नहीं आई हैं। इस क्षेत्र में चंद्रवंशी और आदवासी समाज की बहुतायत है। मौजूदा विधायक मोतीराम चंद्रवंशी ने क्षेत्र में काम भी कराया है। भाजपा उस काम के भरोसे सीट निकालने का दावा कर रही है। वहीं कांग्रेस व्यक्तिगत छवि और भाजपा के कमजोरियों के भरोसे जीतना चाहती है। इसके लिए उन्होंने लंबी चौड़ी लिस्ट तैयार की है जिन्हें जनता के सामने रखना है।
उम्मीद की वजह
भाजपा को पूर्ण भरोसा है कि वह इस विधानसभा फिर से निकालेंगे, क्योंकि उनके काम दिखाई दे रहे हैं। कांग्रेसी स्थानीय प्रत्याशी होने पर ही जीत के दावे कर रही है, क्योंकि इस विधानसभा में केवल बैगा-आदिवासी और किसान ही है, जिनकी आवाज कांग्रेसियों ने उठाई। वहीं उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाते रहे कि मौजूदा सरकार उनकी हितैषी नहीं है। अपने वादे भी पूरे नहीं करते।
पिछले चुनाव का हाल
2013 चुनाव में भाजपा के मोतीराम चंद्रवंशी को मजबूत टक्कर मिली। परिणाम आया तो मोतीराम को 81 हजार 685 वोट मिले थे, मुकाबले में कांग्रेस के लालजी चंद्रवंशी को 74412 मत मिले। जबकि इसके पूर्व यहां पर कांग्रेस और परिसीमन पूर्व भाजपा का कब्जा रहा।
पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर का कहना है कि जनता बदलाव के मूड में है। भाजपा ने वर्ष 2003 में जो वादे किए वह आज तक पूरे नहीं कर सकी। किसानों का एक-एक दाना खरीदने की बात कहीं थी, 15 क्विंटल ही खरीद रहे। भाजपा के शासन में प्रशासन हावी है।

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