करोड़ों की राशि बचाने नदी नाले का सीना चीर निकाल रहे रेत
सडक़ निर्माण के लिए जेसीबी लगाकर नदी से निकाल रहे रेत

बीरेन्द्रनगर. यूं तो जल संरक्षण व नदी बचाने के लिए प्रशासन प्रयासरत है। वहीं दूसरी ओर चंद राशि बचाने के लिए ठेकेदार जेसीबी से नदी, नालों के सीना चिरकर रेत निकाल रहे है। इसे देखने वाला कोई नहीं है।सहसपुर लोहारा से बीरेन्द्रनगर होते हुऐ कोसमंदा तक बनने वाली सडक़ में ठेकेदार की मनमानी चल रही है। एक तो सडक़ निर्माण कार्य समय सीमा से पूर्ण नहीं हो पाया।जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आधे अधूरे निर्माण कार्य के कारण इस मार्ग पर आना जाना बंद हो गया है।सुरजपुरा नदी को जेसीबी से खुदाई कर मटेरियल का उपयोग बिना रोकटोक कर रहे हैं। इससे सडक़ की गुणवत्ता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
बिना परमिशन के खनन
सडक निर्माण कार्य में लाखों करोड़ों का टेंडर पास होता है इसके बावजुद भी पैसा बचाने के चक्कर मे ठेकेदार बगैर परमिशन के नदी नालों को जेसीबी से खोदाई कर मटेरियल का उपयोग कर रहे हैं। नदी से रेत निकालने के लिए न तो विभाग से परमिशन लिया गया है और न ही पंचायत से इनकी अनुमति मांगी है। इस तरह अवैध तरीके से नदी नाले का सीना चिर कर रेत निकाल रहा है और इसका उपयोग बिना किसी डर भाव के सडक निर्माण कार्य में कर रहे है।
ठेकेदार की मनमानी
सडक़ निर्माण कार्य के लिए लाखों करोड़ों रुपए की राशि शासन द्वारा जारी की जाती है, लेकिन ठेकेदार राशि बचाने के लिए गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य को अंजाम दे रहा है। ठेकेदार मनमानी करते हुए नदी के रेत को सडक़ निर्माण कार्य में लगा रहा है। इसके बाद भी इसे रोकने वाला कोई नहीं है।
गुणवत्ताहीन निर्माण
सडक़ निर्माण कार्य में नदी के रेत का इस्तमाल किया जा रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि निर्माण कार्य के दौरान गुणवत्ता में कितना ध्यान दिया जा रहा है। जबकि इसके लिए लाखों रुपए की राशि जारी हुई है। इसके बाद भी राशि बचाने के लिए ठेकेदार गुणवत्ता को दरकिनार कर निर्माण कर रहे है। संबंधित विभाग भी ऐसे कार्यों को रोकने के बजाए आंख मुंदकर बैठे हुए हैं।
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