इस पर रिटर्निंग अधिकारी तहसीलदार के समक्ष रात एक बजे निवेदन किया गया। इसमेंं पर उन्होंने सुबह 11 बजे पुनर्मतगणना कराने का आश्वासन दिया। प्रार्थिया दूसरे दिन सुबह 11 बजे जब मतगणना स्थल पर पहुंची तो कार्यालय बंद था। इसकी सूचना विभागीय अधिकारी कवर्धा और कलेक्टर को दिया गया। पुनर्मतगणना नहीं होने पर शुक्रवार से कलेक्ट्रेट के सामने ही प्रत्याशी के पति रामसिंह ठाकुर व उनके दो समर्थन आमरण अनशन पर बैठ गए। वह लगातार पुनर्मतगणना की मांग कर रहे हैं।
इस प्रकार पीठासीन अधिकारी द्वारा अवैध तरीके से मात्र 1 वोट से पूर्णिमा साहू के पक्ष में परिणाम घोषित किया गया है जो पूरी तरह से अवैधानिक है। इसमें उन्होंने मांग की कि सविता रामसिंह ठाकुर के विरुद्ध में घोषित परिणाम को रद्द करते हुए करते हुए पुनर्मतगणना कर परिणाम घोषित करने करें। अन्यथा यह आमरण अनशन जारी रहेगी, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। इसमें प्रत्याशी पति के साथ दो अन्य लोग भी अनशन में बैठे हैं।प्रत्याशी के पति रामसिंह ठाकुर ने बताया कि अधिकारियों पर अवैधानिक कार्य करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मतगणना में वोट से पराजित होने पर पुनर्मतगणना के लिए तुरंत ही आवेदन पत्र प्रस्तुत कर दिया गया। लेकिन मौजूद अधिकारी द्वारा इस पर किसी प्रकार से संज्ञान न लेते हुए रात्रि एक बजे मतपत्रों गिनती की प्रमाण पत्र देकर वापस आ गए।
इस प्रकार पीठासीन अधिकारी द्वारा अवैध तरीके से मात्र 1 वोट से पूर्णिमा साहू के पक्ष में परिणाम घोषित किया गया है जो पूरी तरह से अवैधानिक है। इसमें उन्होंने मांग की कि सविता रामसिंह ठाकुर के विरुद्ध में घोषित परिणाम को रद्द करते हुए करते हुए पुनर्मतगणना कर परिणाम घोषित करने करें। अन्यथा यह आमरण अनशन जारी रहेगी, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। इसमें प्रत्याशी पति के साथ दो अन्य लोग भी अनशन में बैठे हैं।