इनके बारे में किसी को जानकारी नहीं है। गांव के लोगों ने उन्हें देखा भी नहीं है। जब वो लोग उस गांव में रहते नहीं हैं तो उनका नाम वोटर लिस्ट में कैसे जुड़ गया, जबकि कोई प्रमाण उनके संबंधित गांव में रहने के नहीं है। ऐसे में मामला संदिग्ध है ये कौन लोग हैं, कहां से आए हैं कौन इनको लाया है इसकी जांच होना बहुत जरूरी है।
मामले में भाजपा व ग्रामीणों ने एक आवेदन 15 दिन पहले लोहारा थाने में किया था, लेकिन किसी प्रकार की जांच ना होने से एक फरियाद लेकर एसपी कार्यालय पहुंचे। एसपी को ज्ञापन देकर उनकी जांच पड़ताल करने की मांग की गई है। जिस पर एसपी डॉ.अभिषेक पल्लव ने कहा कि आवेदन पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जाएगा। राजस्व विभाग के साथ पुलिस विभाग भी इनका वेरिफि केशन का काम करेगी। हर पहलु की जांच की जाएगी। जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके हिसाब से कार्रवाई नियमानुसार होगी।
तीन माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में बाहरी मतदाताओं को फर्जी तरीके से कवर्धा विधानसभा में जोड़ने का मुद्दा जोरशोर से उठाया गया था। कई गांवों में बकायदा लिस्ट भी जारी किया गया था, जिसमें गांव वालों के अलावा बीएलओ के साइन वाले लेटर भी दिखाया गया था, कि ये लोग कौन हैं, गांव के लोग नहीं जानते हैं। उस समय तो कुछ नहीं हुआ, लेकिन सरकार बदलने के बाद भी कुछ न होना परेशानी बढ़ाने वाली बात है।