डॉक्टर द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बिसरा व डायटम टेस्ट के लिए कहा गया है, जिसके कारण आर्थिक सहायता भुगतान में आपत्ति लगी हुई है। डॉक्टर द्वारा केवल मौत कारण नहीं लिखने के कारण 8 लाख रुपए की आर्थिक सहायता से यह परिवार वंचित हो रहा है। इसके लिए प्रशासन को स्वयं संज्ञान लेने की आवश्यकता है आखिर लापरवाही कहां हो रही है। मामले में पंडरिया तहसीलदार विनोद बंजारे का कहना है कि उक्त परिवार के लिए आर्थिक सहायता राशि के लिए प्रकरण बनाकर भेजा गया था लेकिन बिसरा व डायटम टेस्ट लिखे जाने के कारण आपत्ति है। परिवार को रिपोर्ट के आधार पर सहायता राशि जारी किया जाएगा।
गवाहों के बयान पुलिस दे रही साक्ष्य
दादी व पोती के मौत में पुलिस विभाग द्वारा गवाहों के आधार पर साक्ष्य दिया जा रहा है कि उनकी मौत पानी में डूबने से मौत हुई है। इसकेे बाद भी मौत कारण स्पष्ट नहीं किया जा रहा है। परिजनों की मौत के बाद अब उक्त गरीब परिवार को न्याय के लिए कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ेंगे।
नहीं कराया बिसरा व डायटम टेस्ट
डॉक्टर ने मौत कारण स्पष्ट नहीं लिखा, लेकिन बिसरा व डायटम टेस्ट के लिए लिखा गया। लेकिन यह टेस्ट नहीं कराया जा सका। चूंकि इस तरह के मौत में पोस्टमाटर्म की रिपोर्ट पुलिस को दी जाती है। इससे परिजनों को अवगत नहीं कराया गया, जिससे यह परिवार आर्थिक सहायता राशि से वंचित हो रहा है।