इस बार बादल आफत की बारिश लेकर बरसे। 7 सितंबर को जोरदार बारिश हुई। एक ही दिन-रात में 33.3 मिलीमीटर बारिश हुई। इसके चलते ही अधिकतर जिले के अधिकतर नदी और नालों में बाढ़ आ गई, जिसके चलते कई गांव टापू में तब्दील हो गए। पंडरिया के हाफ नदी में बाढ़ आने से ग्राम डोमसरा टापू बन गया। कुछ ग्रामीण नदी के किनारे बसे थे। बाढ़ आते ही गांव दोनों ओर पानी से घिर गया।
पानी के तेज बहाव के कारण वहां से निकलते ही नहीं बना। घरों के छप्पर पर बचाव के लिए गुहार लगा रहे थे। ग्रामीण सुबह से वहीं फंस रहे, जबकि बाढ़ का पानी बढ़ता ही जा रहा था। कई ग्रामीण जान जोखिम में डालकर उफनती नदी को पार भी कर गए। वहीं अधिकतर महिलाएं व बच्चे वहीं फंसे रहे। दोपहर को कवर्धा की रेस्क्यू टीम पहुंची, लेकिन उनका मोटर बोट फैल हो गया। इसके चलते वह पतवार के सहारे गांव तक पहुंचे। रेस्क्यू टीम के जवानों ने गांव के 25 ग्रामीणों को सुरक्षित निकाला।