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कवर्धा

अवैध खनन से पहाड़ हो रहे खोखले

जिले में अवैध उत्खनन और अवैध परिवहन का कारोबार काफी बढ़ चुका है। कारोबार अब छोटे से बड़े पैमाने पर होने लगे हंै। हालात यह है कि पहाड़ खोखले होते जा रहे हैं तो जमीन गहरी।

कवर्धाApr 05, 2019 / 11:31 am

Yashwant Jhariya

mining

अवैध खनन से पहाड़ हो रहे खोखले

कवर्धा . राजस्व भूमि से लेकर जंगल और पहाड़ तक अवैध खनन और परिवहन हो रहे हैं। भू-माफिया लाइसेंस की आड़ में ही लोहारा ब्लॉक की पहाडिय़ों से लेकर बोड़ला और पंडरिया के जंगलों तक बेधड़क खनन कर रहे हैं। जिस स्थान के लिए लाइसेंस मिला है उससे कहीं अधिक और अन्य क्षेत्रों में भी खनन कर रहे हैं। वनांचल क्षेत्रों में हालात इतने बुरे हैं कि पहाड़ खोलले होते जा रहे हैं और जमीन खाई के रूप में बदल चुकी है। अवैध रूप से खनन किए मुरुम और पत्थर को ठेकेदार शासकीय कार्यों सड़क, पुल, पुलिया और बिल्डिंग बनाने में ही उपयोग करते हैं। हालांकि अब कार्रवाई अधिक हो रहे हैं। लेकिन और बड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।
मैदान में तब्दील होते जंगल
अवैध खनन का दायरा पंडरिया, बोड़ला और लोहारा क्षेत्र में काफी व्यापक हो चुका है। पंडरिया के वनांचल ग्राम कुई, बदना, अमनिया, रहमानकांपा और मुनमुना में वन विभाग की जमीन पर अवैध खनन का खेल होते रहता है। इसी तरह बोड़ला के चिल्फी, बोक्करखार, महलीघाट, कामाडबरी के जंगल को उजाड़ा जा चुका है। इस क्षेत्र में कुछ वर्ष पूर्व तक हरे-भरे पेड़-पौधे दिखाई देते थे लेकिन पत्थरों और मुरूम के लगातार दोहन होने से अब यहां केवल सपाट मैदान ही दिखाई देता है।
बढ़ते जा रहे प्रकरण
ऐसा नहीं है कि जिले में अवैध खनन हो रहा है और कार्रवाई नहीं हो रही। कार्रवाई भी हो रही है। साल दर साल प्रकरण बढ़ रहे हैं और अर्थदंड भी बढ़ रहा है। वर्ष 2018-19 में ही अवैध उत्खनन और अवैध परिवहन के २१६ प्रकरण दर्ज किए गए। इसमें विभाग ने लगभग ५४ लाख रुपए का अर्थदंड भी वसूला। इसमें 177 अवैध परिवहन हैं जिसमें करीब 46 लाख रुपए जुर्माना लगाया। वहीं अवैध उत्खनन के 39 प्रकरण आए, जिसमें 6 अभी न्यायालय में है, जबकि 33 प्रकरण में 8 लाख रुपए अर्थदंड लिया गया।
एमपी के ठेकेदार
पंडरिया और बोड़ला ब्लॉक के कई गांव मध्यप्रदेश(एमपी) सीमा से लगे हुए हैं। घने वन व पहुंचविहीन होने के कारण लोगों की आवाजाही इस मार्ग पर कम ही रहती है। इसका फायदा मध्यप्रदेश के ठेकेदार उठा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार वनांचल से पहाड़ों को काटकर पत्थर और गिट्टी निकाली जा रही है। यह अवैध काम वर्षों से चल रहा है। मुरुम व गिट्टी को अवैध रूप से खनन कर टै्रक्टर व ट्रक से मध्यप्रदेश ले जाते हैं।
वर्षवार प्रकरण
वर्ष अर्थदंड
2018-19 54.17 लाख
2017-18 39.33 लाख
2016-17 19.83 लाख
2015-16 22.10 लाख
2014-15 34.05 लाख
2013-14 30.21 लाख


&कार्रवाई लगातार जारी है। सूचना मिलने पर अवैध उत्खनन, अवैध मुरुम, पत्थर व ईंट भट्ठों पर कार्रवाई होती रहती है। बीते वित्तीय वर्ष में ही 200 से अधिक कार्रवाई किए गए। इसमें 54 लाख रुपए से अधिक रुपए अर्थदंड लिया गया।
खिलावन कुलार्य, निरीक्षक, खनिज विभाग, कबीरधाम

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